किसानों के लिए वरदान है ये फसल, मात्र 60 दिन में बना देगी लखपति
नई दिल्ली :- आज के समय में किसानों को आधुनिक खेती और तकनीक का सहारा लेना बेहद जरूरी है. इससे किसान सालों भर अच्छी उपज के साथ बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. गर्मी शुरू होने वाली है. ऐसे में किसान 60 दिन में खेती कर लखपति बन सकते हैं. क्योंकि इस फसल की गर्मी में मांग भी ज्यादा होती है. इस सीजन में किसान गरमा मूंग की खेती कर सकते हैं. इसके लिए किसानों को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती. किसान मार्च के महीने में बुवाई कर सकते हैं, जिससे 60 दिन में फसल पक कर तैयार हो जाती है. इस फसल की सबसे खास बात ये कि यह कम पानी में भी अच्छी तरह तैयार होती है.
पलामू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार ने लोकल 18 को बताया कि दलहनी फसल में मूंग की खेती बेहतर मुनाफा वाली फसल है. इसे किसान सही समय पर लगाकर बेहतर लाभ कमा सकते हैं, जो कम अवधि की फसल है. आगे बताया कि किसान सामान्य तौर पर खरीफ के बाद रबी फसल की खेती करते हैं. जिसमें मार्च से जून के महीने तक के दौरान खेत खाली रहता है. इसमें किसान गरमा मूंग की खेती कर सकते हैं, जो कि 58 से 65 दिन में तैयार हो जाती है. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि मूंग की खेती करने से पहले किसान को अपने खेत में ट्रैक्टर और कल्टीवेटर द्वारा दो बार जुताई करनी होगी. इसके बाद एक बार रोटावेटर से खेत की अच्छी तरह जुताई करें.
इसके बाद 10 किलो बीज प्रति एकड़ की दर से बुवाई करें. जिसे लगाने का सबसे उचित समय 15 मार्च से 10 अप्रैल के बीच है. वहीं, बरसात आने से पहले इसकी फसल तैयार हो जाती है. ये गरमा फसल होती है. इसलिए इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. खेत में नमी के बाद बुवाई की जाती है. दो से तीन बार पटवन करना पड़ता है. किसी भी फसल की बुवाई से पहले किसान बीज उपचार अवश्य करें. इससे बीज में लगने वाला रोग और व्याधियों से छुटकारा मिलता है. किसान यूपीएल कंपनी की शाल दवा से उपचार कर सकते हैं. 10 किलो बीज उपचार हेतु 200 ग्राम दवा को पानी में मिलाकर हाथों में ग्लब्स के सहारे बीज में लेप चढ़ाएं. इसके अलावा करबेंडा जिम दवा दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर उससे बीज उपचार करें. वहीं बीज से बीज की दूरी 12 इंच रखें, ताकि बेहतर उत्पादन हो सके.
गरमा मूंग की खेती में किसान 60 दिन में तीन बार कटाई कर सकते हैं. एक एकड़ में बीज दर 10 किलो तक लगती है. इससे किसान 4 क्विंटल मूंग तैयार कर लेता है. जिसे आप दाल और बीज के रूप में बिक्री कर सकते हैं. वहीं, किसान फसल तैयार होने के बाद खेत में जुताई कर दें तो इससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है. इसकी जड़ों में गांठ और नाइट्रोजन फिक्सेशन होता है, जो की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में मदद करता है.