CIBIL Score Check: RBI के नए नियम से हड़कंप, अब भूलकर भी बार- बार चेक ना करे सिबिल स्कोर
नई दिल्ली :- अगर आप बार-बार सिबिल स्कोर की जांच करते हैं तो इसकी वजह से आपका सिबिल स्कोर भी खराब हो सकता है। सिबिल स्कोर खराब हो जाने की वजह से आपको लोन लेने में परेशानी हो सकती है। सिबिल स्कोर (how to check CIBIL score) खराब होने के कई कारण होते हैं। इन्हीं में से एक कारण बार-बार सिबिल स्कोर को चेक करना होता है। इस वजह से आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। ऐसे में सिबिल स्कोर को सही करने के लिए आपको कुछ तरीको को अपनाना चाहिए।

जानिये क्या होता है Cibil स्कोर
जानकारी के लिए बता दें कि Cibil स्कोर (new rule for CIBIL score) एक तीन अंकों का एक नंबर होता है। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिटवर्थिनेस (creditworthiness) भी इसी से पता चलती है। अगर सिबिल स्कोर की रैंज (Range of CIBIL score) के बारे में बात करें तो ये 300 से 900 के बीच होती है। इसमें 750 या उससे ऊपर के सिबिल स्कोर को सही माना जाता है।
15 दिन में मिल जाएगा सिबिल स्कोर
नए नियमों के अनुसार अब ग्राहकों के सिबिल स्कोर (CIBIL score update) को हर 15 दिन में अपडेट किया जाता है। सिबिल स्कोर (New rule of CIBIL score) के ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू किये जाएंगे। RBI के नए नियमों के अनुसार बैंक (personal loan from bank) और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अब क्रेडिट स्कोर को काफी जल्दी और आसानी से अपडेट कर सकेंगे। इसका मतलब है कि हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में आपके सिबिल स्कोर (CIBIL score latest news) को अपडेट किया जा सकता है।
सॉफ्ट इंक्वायरी और हार्ड इंक्वायरी में फर्क
आम तौर पर, जब आप खुद ही अपने सिबिल स्कोर (CIBIL score verification) की जांच करते हैं तो इसे “सॉफ्ट इंक्वायरी” कहा जाता है। सॉफ्ट इंक्वायरी की वजह से आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित नहीं किया जा सकता है। लेकिन जब कोई बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन (Financial Institution) आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करतीली हैं तो इसे “हार्ड इंक्वायरी” कहा जाता है। हार्ड इंक्वायरी की वजह से आपका Cibil स्कोर खराब हो सकता है।
जानिये क्या है RBI का नया नियम
हाल ही में आरबीआई ने कुछ नए नियमों (CIBIL score rules) को लागू कर दिया है। इसके तहत हार्ड इंक्वायरी की प्रक्रिया में भी कुछ बदलावों को किया गया है। अब अगर कोई बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन बार-बार आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit history) को जांचता है तो इसकी वजह से आपका सिबिल को चेक किया जाता है। इसकी वजह से आपके स्कोर पर पहले की तुलना में ज्यादा असर पड़ सकता है। नियम में उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो बार-बार लोन या फिर क्रेडिट कार्ड (Credit card rules) के लिए आवेदन करते हैं।
क्रेडिट स्कोर कम होने की वजह
क्रेडिट स्कोर को 300 से 900 (Credit socre range) के बीच में ही निर्धारित किया जाता है। आमतौर पर 750 से ज्यादा क्रेडिट स्कोर को एक अ अच्छा स्कोर माना जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि क्रेडिट स्कोर (bad rrange of CIBIL score) कम होने की मुख्य वजह बेशक तय समय में लोन रीपेमेंट न करना है, लेकिन इसके अलावा भी कई फैक्टर्स होते हैं, जिसकीह वजह से आपका सिबिल स्कोर प्रभावित हो जाता है।
क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो गड़बड़
अगर आपके क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो (Credit Utilization Ratio) में गड़बड़ हो जाती हैं तो कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई करना होता है, इसके बाद ही आपको लोन सेटलमेंट भी करनी होती है। ऐसे व्यक्ति का लोन गारंटर (loan garrenter) आपको भुलकर भी नहीं बनना चाहिए जो समय पर लोन का भुगतान न कर पाए। क्रेडिट कार्ड का पेमेंट समय पर न करने की वजह से भी आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है।
क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन
बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड (Credit card limit) के लिए अगर आप आवेदन करते हैं तो इसकी वजह से भी आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है क्योंकि हर आवेदन पर आपके स्कोर पर हार्ड इंक्वायरी का सामना करना पड़ता है।
Cibil स्कोर की करें जांच
Cibil की आपको समय-समय पर जांच (how to check Cibil Score) करते रहना चाहिए। इसके लिए आप सिबिल स्कोर की आधिकारिक वेबसाइट या RBI (RBI latest update) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान को विजिट कर सकते हैं और यहां पर अपने सिबिल स्कोर (Cibil Score) की जांच कर सकते हैं।
ऐसे सुधारे Cibil स्कोर
आपको समय-समय पर अपने लोन और क्रेडिट कार्ड (credit card bill) के बिलों का भुगतान करते रहना चाहिए। इसकी मदद से आप अपने Cibil स्कोर (Cibil Score Tips) को सही कर सकते हैं।