NHAI ने बदला Fastag से जुड़ा ये नियम, अब इस गलती पर कटेगा डबल टोल
नई दिल्ली :- भारतीय सड़कों पर यात्रा करने का एक अहम पहलू टोल प्लाजा पर फास्टैग का उपयोग है. हाल ही में लागू किए गए नए नियमों का उद्देश्य टोल पर गाड़ियों की लंबी कतारों को कम करना और यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाना है. इस नए फास्टैग में होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सकेगा जिससे यात्रियों का समय बचेगा और यात्रा अधिक आसान होगी.
नए नियमों के अनुसार, अगर कोई वाहन फास्टैग लेन में प्रवेश करते समय या उसके बाद 60 मिनट तक निष्क्रिय रहता है तो उसका लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा. इससे उन उपयोगकर्ताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जिनके फास्टैग में लो बैलेंस होता है या जो समय पर रिचार्ज नहीं करते. इस कदम से फास्टैग सिस्टम की दक्षता बढ़ाने और टोल प्लाजा पर व्यवधान कम करने की उम्मीद है.
यदि फास्टैग यूजर्स टोल लेनदेन के लिए आवश्यक 15 मिनट की समय सीमा का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ सकता है. यह समय सीमा उन्हें टोल प्लाजा के माध्यम से जल्दी से पार करने के लिए प्रोत्साहित करती है और सिस्टम द्वारा ‘एरर कोड 176’ लिखित रूप में अस्वीकृति संदेश भेजा जाता है, जिसे यूजर्स को ध्यान में रखना चाहिए.
फास्टैग के लिए पहले की गई रिचार्ज प्रक्रिया अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है. यूजर्स को टोलबूथ पर पहुंचने से पहले ही अपने फास्टैग को रिचार्ज करना होगा, जिससे वे बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ सकें. यह नियम टोल प्लाजा पर सुव्यवस्थित यातायात सुनिश्चित करने और भुगतान में देरी से उत्पन्न होने वाले विवादों को कम करने के लिए लागू किया गया है.
नए नियम न केवल फास्टैग यूजर्स के लिए बल्कि सड़क परिवहन प्रणाली के लिए भी लाभकारी हैं. ये नियम टोल संग्रहण प्रणाली को अधिक कुशल बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं, और ये फास्टैग के माध्यम से टोल भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक सहज बनाते हैं.