भारत सरकार ने बदले पासपोर्ट के नियम, अब जन्म प्रमाण पत्र हुआ अनिवार्य
नई दिल्ली :- पासपोर्ट को एक अहम दस्तावेज के तौर पर माना जाता है। पासपोर्ट के होने से किसी भी शख्स की आसानी से पहचान हो जाती है, इसके साथ ही उसकी नागरिकता भी साबित होती है। पासपोर्ट किसी भी दूसरे देश की यात्रा करने के लिए सबसे काफी अहम डॉक्यूमेंट है। हाल ही में केंद्र सरकार ने भारतीय पासपोर्ट के लिए नियमों में संसोधन किया है। आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या बदलाव किया है।
सरकार की तरफ से संसोधित नियम के तहत, 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद जन्मे लोगों को पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय अपना डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट देना जरूरी है। यहां पर सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि यह बर्थ सर्टिफिकेट नगर निगम या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत नामित किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा ही जारी किया जाना चाहिए।
यह नियम 1 अक्टूबर, 2023 से पहले पैदा हुए आवेदन करने वाले लोगों पर लागू नहीं होते हैं। वे पहले की तरह ही ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र जैसे अन्य डॉक्यूमेंट देकर पासपोर्ट बनवा सकते हैं। जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार या नगर निगम या किसी अन्य निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र। आखिरी बार जिस स्कूल में पढ़ाई की थी वहां का मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र। चुनाव आयोग की तरफ से जारी पहचान पत्र। पैन कार्ड भी होना जरूरी है। हालांकि, आधार कार्ड या ई-आधार, ईपीआईसी, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पे पेंशन ऑर्डर को डेथ ऑफ बर्थ के के प्रमाण के तौर पर तभी स्वीकार किया जाएगा जब उनमें सटीक डेथ ऑफ बर्थ हो।
भारत में कितने प्रकार के होते हैं पासपोर्ट
एड्रेस प्रूफ के तौर पर भी डॉक्यूमेंट की जरूरत है। इसमें पानी का बिल, लैंडलाइन या पोस्टपेड मोबाइल का बिल, बिजली का बिल, चुनाव आयोग की तरफ से जारी पहचान पत्र, गैस कनेक्शन का प्रूफ, जीवनसाथी के पासपोर्ट की कॉपी, नाबालिग के पासपोर्ट के मामले में माता-पिता के पासपोर्ट की कॉपी, बैंक अकाउंट की पासबुक और पासपोर्ट सेवा ऑनलाइन पोर्टल के अनुसार, आधार कार्ड देने से पासपोर्ट आवेदनों की प्रक्रिया में तेजी आएगी। पांच दिनों तक काम नहीं करेगी पासपोर्ट सेवा की वेबसाइट