फाइनेंस

इस सरकारी योजना में जमा करें सिर्फ 6 लाख रुपए, फिर 30 साल तक हर महीना मिलेंगे 1 लाख

नई दिल्ली :- हर किसी का मन होता है रिटायरमेंट के बाद आराम की ज‍िंदगी हो. फाइनेंश‍ियल फ्रीडम उस आराम को पाने का बड़ा तरीका है. रिटायरमेंट के समय, आपके खर्चों को पूरा करने के ल‍िए शायद कोई कमाई का जर‍िया नहीं होगा. ऐसे में निवेश से मिलने वाली पैसिव इनकम बहुत काम आ सकती है. लेकिन यह आमदनी तभी होती है जब आपने पहले से ही रिटायरमेंट को लेकर प्‍लान क‍िया हो और ज‍िंदगी के शुरुआती दौर में निवेश किया हो. लेक‍िन यह न‍िवेश का सही समय कब है? एक बार का निवेश और स‍िस्‍टेमेट‍िक व‍िदड्रॉल प्‍लान (SWP) आपको रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम दे सकता है. यह सालों तक निवेश बढ़ाने और दशकों तक बड़ी मंथली इनकम के रूप में उस पैसे को निकालने में मदद कर सकता है. यहां तक क‍ि 6,00,000 रुपये का एक बार का निवेश 30 साल तक 1,04,600 रुपये की मंथली इनकम दे सकता है. आइए जानते हैं यह कैसे होता है?

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रिटायरमेंट के बाद हर किसी के खर्चे होते हैं. ज्‍यादातर लोगों के पास बुढ़ापे में कमाई का कोई नियमित जर‍िया नहीं होता. कुछ लोगों को उस समय नियमित पेंशन या अन्य सोर्स से आमदनी होती है. ऐसी समय में आपको एक रिटायरमेंट फंड की जरूरत होती है. आप अपनी लाइफस्‍टाइल और रिटायरमेंट के बाद के फाइनेंश‍ियल टारगेट के आधार पर रिटायरमेंट फंड का प्‍लान कर सकते हैं. फंड की कैलकुलेशन के समय जीवन प्रत्याशा और महंगाई दो अहम बातों को ध्‍यान में रखना चाह‍िए.

अगर आप रिटायरमेंट के बाद 30 साल जीने की उम्मीद करते हैं और अनुमानित महंगाई 6 प्रतिशत है तो आपका रिटायरमेंट फंड जीवनभर के लिए कम नहीं पड़ना चाहिए. रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए आप निवेश कर सकते हैं. यह निवेश एक बार में किया जा सकता है. जब भी आपके पास अतिरिक्त पैसा हो, आप इसे कर सकते हैं. नौकरीपेशा लोगों के लिए, हर महीने निवेश करना भी अच्छा ऑप्‍शन हो सकता है, क्योंकि यह उनकी कमाई के हिसाब से सही बैठता है.

रिटायरमेंट एक लॉन्‍ग टर्म प्‍लान‍िंग है, इसलिए दो बातों पर ध्यान देना जरूरी है. समय पर या उससे पहले रिटायरमेंट के टारगेट को हासिल करना और टैक्स कटने के बाद मिलने वाला रिटर्न. अपनी रिटायरमेंट के फंड के लिए अपने सारे पैसे स‍िर्फ शेयर बाजार से जुड़े योजनाओं में पैसा लगाना सही नहीं है. कोई भी अपने रिटायरमेंट को टाल नहीं सकता और शेयर बाजार से जुड़ा निवेश कभी भी ऊपर-नीचे हो सकता है. इसलिए बाजार से जुड़े और बाजार से न जुड़े, दोनों तरह के निवेशों आपके पास होने चाह‍िए.

टैक्स के नियम हमेशा बदलते रहते हैं, और इसका असर आपके रिटायरमेंट फंड पर भी पड़ सकता है. इसलिए, बदलते नियमों के हिसाब से अपनी योजना को सही करने के लिए, हर कुछ सालों में अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग की समीक्षा करना ज़रूरी है. म्यूचुअल फंड जैसे शेयर बाजार से जुड़े प्रोग्राम में एक बार में निवेश करना उन लोगों के लिए ज्‍यादा सही हो सकता है जो लॉन्‍ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं. इसकी वजह यह है कि शेयर बाजार कभी भी नीचे जा सकता है, जिससे आपका रिटर्न न‍िगेट‍िव हो सकता है.

लेकिन, लंबे समय में शेयर बाजार से पॉज‍िट‍िव रिटर्न मिलने की संभावना ज्‍यादा होती है. साथ ही, अगर कोई अपने निवेश को बहुत ज्‍यादा बढ़ाना चाहता है, तो उन्हें इसे पर्याप्त समय देना होगा. आइए जानते हैं म्यूचुअल फंड में एसडब्ल्यूपी (SWP) कैसे काम करता है. एक निवेशक म्यूचुअल फंड योजना में एक बार में बड़ी रकम निवेश करता है और फंड हाउस से हर महीने एक न‍िश्‍च‍ित राशि देने के लिए कहता है. फंड हाउस वह पैसा कैसे देता है? वे निवेशक द्वारा मांगी गई राशि के बराबर नेट एसेट वैल्यू (NAV) यूनिट बेचते हैं और उस राशि को उनके अकाउंट में जमा कर देते हैं.

Author Meenu Rajput

नमस्कार मेरा नाम मीनू राजपूत है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर काम करती हूँ. मैंने बीकॉम, ऍम कॉम तक़ पढ़ाई की है. मैं प्रतिदिन हरियाणा की सभी ब्रेकिंग न्यूज पाठकों तक पहुंचाती हूँ. मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं अपना काम अच्छी तरह से करू और आप लोगों तक सबसे पहले न्यूज़ पंहुचा सकूँ. जिससे आप लोगों को समय पर और सबसे पहले जानकारी मिल जाए. मेरा उद्देशय आप सभी तक Haryana News सबसे पहले पहुँचाना है.

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