चैंपियंस ट्रॉफी हारते ही पाकिस्तान टीम पर बड़ा एक्शन, मैच फीस में 90% कटौती और महंगे होटल में रुकना बंद
नई दिल्ली :- पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) एक तरफ चैंपियंस ट्रॉफी की सफल मेजबानी के लिए अपनी पीठ थपथपा रहा है, दूसरी ओर माली हालत उसका मजाक उड़ा रही है. पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी खत्म होने के ठीक बाद अपने खिलाड़ियों को मिलने वाली फीस में भारी कटौती की है. बोर्ड ने खिलाड़ियों के ट्रैवलिंग से लेकर ठहरने के इंतजाम में भी कटौती की है. इससे साफ हो गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान पर भारी पड़ गई है. उसे चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी से उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं हुआ और अब वह इसकी भरपाई में जुट गया है.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आगामी नेशनल टी20 चैंपियनशिप में क्रिकेटरों की मैच फीस एक लाख रुपए प्रति मैच से घटाकर 10 हजार प्रति मैच कर दिया है. रिजर्व खिलाड़ियों को प्रति मैच 5 हजार रुपए मिलेंगे. यह टूर्नामेंट 14 मार्च से शुरू हो रहा है. इतना ही नहीं बोर्ड घरेलू क्रिकेट के विकास पर खर्च कम करने पर भी विचार कर रहा है. मैच फीस में कटौती से खिलाड़ियों की चिंता बढ़ गई है.
पीसीबी के घरेलू क्रिकेट के प्रमुख अब्दुल्ला खुर्रम नियाजी खिलाड़ियों की सुविधाओं में कटौती कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, ‘पहले खिलाड़ियों को फाइव स्टार और फोर स्टार होटलों में ठहराया जाता था. अब उन्हें सस्ते होटल की पेशकश की जा रही है. हवाई यात्रा भी कम कर दी गई है और फीस भी घटा दी गई है.’
एक अन्य सूत्र ने बताया कि पिछले सीजन के बकाया भुगतान अभी तक खिलाड़ियों और अंपायरों को नहीं किए गए हैं. पीसीबी ने पूर्व टेस्ट क्रिकेटरों के लिए सालाना पेंशन वृद्धि भी लागू नहीं की है, जो बोर्ड की पॉलिसी के तहत अनिवार्य है. ध्यान रहे पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले लाहौर, कराची और रावलपिंडी के क्रिकेट स्टेडियम को अपग्रेड करने पर लगभग 1.8 अरब रुपए खर्च किए हैं.
विडंबना यह है कि जहां खिलाड़ियों की मैच फीस घटाई जा रही है. वहीं, पीसीबी अधिकारियों को लाखों रुपये की मासिक सैलरी मिल रही है. साथ ही, पीसीबी के चयनकर्ताओं और टीमों के मेंटर्स को मोटा पैदा दिया जा रहा है. मेंटर्स मिस्बाह उल हक, वकार यूनुस, शोएब मलिक, सरफराज अहमद और सकलेन मुश्ताक को 2 साल के अनुबंध पर प्रति माह लगभग 50 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है.