UP में किसानों को 2 रुपये किलो मिल रहा आलू रेट, मजबूर होकर सड़क पर फेंक दिए 40 बोरी आलू
नई दिल्ली :- UP में आलू के भाव काफी कम हो गए हैं, जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. ऐसे में किसानों ने अपने गुस्से को दिखाते हुए सड़कों पर आलू फेंकना शुरू कर दिया है. कुछ इसी तरह का एक मामला कानपुर जिले के शिवराजपुर क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है. यहां पर भी सड़क के किनारे लगभग 40 बोरी आलू किसानों द्वारा फेंके गए हैं. वहीं मामला उजागर होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच करने की बात कही है. किसानों का कहना है कि जिले में आलू को स्टोर करने के लिए अब कोल्ड स्टोर के अंदर बिल्कुल जगह नहीं है. इसीलिए अब उनके पास आलू को सड़क पर फेंकने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है.
उत्तर प्रदेश में गिरे आलू के दाम
उत्तर प्रदेश के साथ साथ शिवराजपुर के भैंसा गांव में भी आलू के दाम काफी कम हो गए हैं, जिसकी वजह से बुधवार को पुराना डाइट भवन के सामने सड़क के किनारे पर लोगों ने 40 बोरी आलू को फेंक रखा था. कहा जा रहा है कि बंपर उपज के चलते मंडियों में आलू की आवक ज्यादा हो गई है, जिसके कारण आलू के दाम में 2 से ₹3 प्रति किलो तक गिरावट आई है. अगर हम पिछले साल के मुकाबले देखे तो इस बार आलू का दाम ₹500 क्विंटल तक सस्ता हो गया है. इसी वजह से किसान अब सरकार से आलू को एमएसपी के दायरे में लगाने के लिए मांग कर रही है.
कोल्ड स्टोर में नहीं है आलू रखने की जगह
जिला उद्यान अधिकारी दिग्विजय सिंह का कहना है कि जिले में 80 से अधिक Cold Storage हैं. अभी तक जिले के किसी भी कोल्ड स्टोरेज में जगह की कमी की जानकारी सामने नहीं आई है. जबकि किसानों का कहना है कि जिले के लगभग सभी कोल्ड स्टोर फुल हो चुके हैं. ऐसे में किसानों के पास आलू Store करने के लिए अब कोई जगह नहीं है. इसीलिए किसान ने सड़कों पर हजारों किलोग्राम आलू डंप करने का फैसला लिया है.
मंडी ले जाने के लिए नहीं है पैसे
Times Of India के मुताबिक बिल्हौर के किसान जगदीश का कहना है कि हमें आलू के भाव ₹2 से भी कम मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पास की सब्जी मंडियों के व्यापारी ₹3 किलो आलू खरीद रहे हैं. हमारे पास आलू को मंडी तक ले जाने के लिए पैसा नहीं है. वही किसान संग्राम का कहना है कि जिले के गांव में भंडारण की कोई सुविधा नहीं है. इसलिए किसानों ने फैसला लिया है कि वह एक से डेढ़ लाख क्विंटल तक आलू को सड़कों पर डंप करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने 1 सप्ताह के भीतर कोई कदम नहीं उठाया तो सभी आलू खराब होने लगेंगे.
आलू भंडारण के लिए ₹260 प्रति क्विंटल दर की गई है तय
उत्तर प्रदेश की सरकार ने आलू के लिए एमएसपी की घोषणा की है. लेकिन जमीन पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. किसानों ने शिकायत की है उसके बाद जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने कहा है कि सभी कोल्डस्टोरेज मालिकों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही आलू भंडारण के लिए किराया लेने का निर्देश दिया गया है. उनका कहना है कि सरकार ने सामान्य आलू भंडारण के लिए ₹230 प्रति क्विंटल और चीनी मुफ्त आलू भंडारण के लिए ₹260 प्रति क्विंटल की दर तय की है.