Chandra Grahan 2025: जानिए भारत में दिखाई देने वाले दूसरे चंद्र ग्रहण का समय और प्रभाव
नई दिल्ली :- खगोलशास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होते हैं, और पृथ्वी की छांव चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा का प्रकाश नज़र नहीं आता। यह खगोलीय घटना न केवल विज्ञान के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। हर साल चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरती जाती हैं, और इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को होगा, जो भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पड़ेगा।
चंद्र ग्रहण का समय
यह चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को रात 9:58 बजे से शुरू होगा और 1:26 बजे तक चलेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत समेत एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर में भी दिखाई देगा।
सूतक काल
चंद्र ग्रहण के साथ सूतक काल भी शुरू होता है, जो ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले मान्य होता है। इस दौरान खास ध्यान रखना होता है और कुछ कार्यों से बचना चाहिए, जैसे कि पूजा-पाठ, यात्रा और खरीदारी।
ग्रहण के दौरान क्या न करें?
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मंदिरों में मूर्तियों को छूने से बचें।
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ग्रहण के समय पूजा न करें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
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सुई, कैंची और अन्य धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें।
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ग्रहण के दौरान महिलाओं को श्रृंगार से बचना चाहिए।
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गर्भवती महिलाओं को बाहर जाने से बचना चाहिए और कोई नया काम शुरू नहीं करना चाहिए।
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ग्रहण को आंखों से देखना भी उचित नहीं माना जाता।
इस चंद्र ग्रहण का असर न सिर्फ खगोलशास्त्र बल्कि धार्मिक मान्यताओं पर भी पड़ता है, और इसे लेकर विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।