हरियाणा के NCR क्षेत्र में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसे, मार्च के अंत तक सड़कों पर उतरेंगी 400 बसें
बहादुरगढ़ :- NCR के अंतर्गत आने वाले हरियाणा के कई जिलों में पेट्रोल- डीजल युक्त वाहन चलने से प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों को सांस लेने संबंधित समस्याएं हो रही हैं. बढ़ते प्रदूषण जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार ने पेट्रोल डीजल रहित नई 1000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का Order दिया हुआ है. जिसमे से कुछ बसें 31 March तक रोडवेज डिपो में आ जाएगी, और बाकी बसें सितंबर अक्टूबर तक हरियाणा रोडवेज डिपो के पास पहुंच जाएंगी. नई बसों के आने से प्रदूषण की समस्या तो कम होगी ही साथ ही लोगों को आवागमन में भी सुविधा मिलेगी.
तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण
हरियाणा राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश के NCR क्षेत्रो में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 1000 नई Electric बसें रोडवेज में शामिल की जाएगी. इनमें से करीब 400 प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक बसें 31 March तक हरियाणा में आ जाएगी, और शेष 600 बसे भी सितम्बर- अक्टूबर तक रोडवेज डिपो के पास पहुंच जाएंगी. इतना ही नहीं सरकारी अधिकारियों के लिए भी डीजल रहित इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदी जा रही हैं. हरियाणा सरकार ने 1 January से डीजल युक्त ऑटो के पंजीकरण पर भी रोक लगा दी है. अब चालक केवल CNG और इलेक्ट्रिक Auto ही कंपनी से निकलवा सकते हैं.
पैट्रोल डीजल युक्त ऑटो का किया जाएगा इलेक्ट्रिफिकेशन
बुधवार को बहादुरगढ़ में ईंट भट्ठा एसोसिएशन की तरफ से राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें IAS अधिकारी ने लोगों को संबोधित किया. वहीं उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद की सड़कों पर चल रहे पेट्रोल- डीजल युक्त Auto का इलेक्ट्रिफिकेशन करने का निर्णय लिया है. सरकार के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण के लिए पेट्रोल- डीजल युक्त वाहनों पर रोक लगाना उनका पहला कार्य है, जिसकी शुरुआत उन्होंने कर दी है.
समय- समय पर जारी की जा रही गाइडलाइन
इस कार्यक्रम के दौरान बोर्ड के चेयरमैन पी. राघवेंद्र राव भी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे. केंद्र सरकार प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए समय- समय पर गाइडलाइन जारी करती रहती है. इसके बावजूद भी प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा. सबसे ज्यादा प्रदूषण फैक्ट्रियों, ईट भट्टो और वाहनों से निकलने वाला धुआं फैलाता है. सबसे पहले सरकार द्वारा इन्हीं पर रोक लगाई जाना चाहिए, ताकि प्रदूषण स्तर में कमी लाई जा सके, और हमारे आसपास का वातावरण साफ और स्वच्छ किया जा सके.