चंडीगढ़, Sarso Price :- पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में बेमौसम बारिश हो रही है जिस वजह से बहुत सारे किसानों की फसलें खराब हो गई है. वही कुछ किसानों की सरसों की कटी हुई फसल भी बेमौसम बारिश के कारण भीग गई है. जिस वजह से किसान फसलों को Mandi में बेचने के लिए नहीं ला रहे. फसल खराब होने का नुकसान किसानों और ग्राहक दोनों को उठाना पड़ेगा. मंडियों में सरसों की फसल की आवक कम होने के कारण सरसों के दाम (Sarso Price in Haryana) बढ़ गए हैं. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि जैसी मौसमी घटनाओं के चलते सरसों के दाम 100 रुपये से 250 रुपये तक बढ़ गए हैं.
बेमौसम बारिश के कारण सरसों की आवक हो रही कम
जानकारी के लिए बता दे कि अब से पहले सरसों 4500 रूपये से लेकर 5200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही थी, परंतु अब मंडियों में सरसों की कम आवक होने के कारण सरसों की कीमत बढ़कर 5000 रुपये से 5450 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. इसके अलावा मंडियों में आ रही सरसों खरीदार नमी की प्रतिशता और सरसों में तेल की मात्रा के आधार पर कीमत निश्चित कर रहे हैं. जैसे- जैसे सरसों में नमी की प्रतिशतता बढ़ती है वैसे- वैसे तेल की मात्रा में कमी आती है और सरसों के दाम भी घटने लगते हैं.
आवक कम होने के कारण सरसों के बढ़े दाम
जानकारी के लिए बता दे कि यदि सरसों में 7% नमी है और तेल की मात्रा 42% है तो उसे Private तौर पर 5,450 रुपये में Purchase जा रहा है. नमी की मात्रा जितनी ज्यादा बढ़ती जाएगी, तेल की मात्रा उतनी ही कम होती जाएगी और दाम घटते जाएंगे. बता दे कि अब तक जिले की मंडियों में 66,335 क्विंटल सरसों की आवक हो चुकी है जबकि तावडू में 16,696 क्विंटल, नूँह में 7149 क्विंटल सरसों और पुन्हाना मंडी में 34,831 क्विंटल और फिरोजपुर झिरका में 7659 क्विंटल सरसों मंडियो में पहुंच चुकी है. पिछली बार की अपेक्षा में अबकी बार इस समय तक बहुत कम मात्रा में मंडियों में सरसों की आवक हुई है.
प्रशासन की दावे निकले खोखले
मार्केटिंग बोर्ड के जिला विपणन प्रवर्तन राम मेहर सिंह जागलान सहित प्रशासन ने सरसों की सरकारी खरीद 20 March से किए जाने का दावा किया था परंतु इस दावे के अनुसार सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई. जिस वजह से किसानों को अपनी फसल ओने- पौने दामों पर बेचने पड़ रही है, और किसानों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है. मंडियों में सरसों की आवक कम होने के कारण सरसों के दाम 100 से 250 रुपये तक बढ़ गए है.