Fatehabad News: फतेहाबाद का बेटा झारखंड में बना जज, यूट्यूब से पढाई कर हासिल कर किया मुकाम
फतेहाबाद :- मन में जब कुछ करने की ललक हो तो कोई भी बाधा रास्ते में नहीं आती. कड़ी मेहनत के बल पर कोई भी मुकाम प्राप्त किया जा सकता है. जाखल के एक परिवार में इस कहावत को सच कर दिखाया है. जाखल मडीं की नई बस्ती के एक छोटे से परिवार में जन्मे भूपेश कुमार को झारखंड में सेशन जज के रूप में चयनित किया गया है. जैसे ही भूपेश कुमार के परिवार वालों को इसके बारे में पता चला पूरे परिवार व आसपास के क्षेत्र में खुशी का माहौल बन गया. भूपेश कुमार के घर बधाई वालों की लाइन लगी हुई है.
दसवीं की पढ़ाई के बाद साथ में शुरू की नौकरी
भूपेश कुमार ने जज बनने का श्रेय उनकी कठोर लगन और माता-पिता के साथ-साथ अपनी धर्मपत्नी अंजू रानी को दिया है. भूपेश कुमार ने बताया कि वह एक गरीब परिवार से आता है और परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी इसीलिए उन्होंने दसवीं की पढ़ाई के बाद साथ में नौकरी करना भी शुरू कर दिया था. उन्होंने नौकरी के साथ-साथ 12,वीं की पढ़ाई की और उसके बाद वकालत करने के बाद लगभग 15 साल से पंजाब के संगरूर जिले में जिला स्तर न्यायालय व साथ ही मूनक कोर्ट में भी अपनी सेवाएं दे रहे थे. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
पूरे भारत में हासिल किया छठा रैंक
उन्होंने बताया कि कुछ बनने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई को रुकने नहीं दिया. भूपेश कुमार ने बताया कि उन्होंने पांच या छह बार जज बनने की परीक्षा भी दी और 2022 में एक बार फिर से माननीय सेशन कोर्ट का जज बनने की परीक्षा दी जिसमें कुल 2300 वक्ता शामिल हुए थे. जिसमें 66, वक्ताओं का इंटरव्यू हुआ और जिसमें से 13 ,वक्ताओं को सेलेक्ट किया गया है. इसमें हरियाणा के तीन वक्ता आगे आए हैं जिसमें भूपेश कुमार ने पूरे भारतवर्ष में 6वाँ रैंक हासिल किया है. भूपेश कुमार ने कहा कि वे आगे भी शिक्षा प्राप्त के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे और उनका सपना है कि वह सुप्रीम कोर्ट का जज बनकर सेवानिवृत्ति ले.
परिवार व आसपास के लोगों में छाई खुशी
जैसे ही भूपेश के परिवार वालों को उनके जज बनने की खबर मिली पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. उनके पिता परमानंद व माता कृष्णा देवी तथा उनके पूरे परिवार ने बताया कि बेटे के जज बनने पर सब बहुत खुश है और उसकी कड़ी मेहनत से ही उसने इस लक्ष्य को प्राप्त किया है. उनके पिता का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. वही परिवार वालों ने भी इस खुशी को साझा किया और उनकी पत्नी बेटा बेटी ने भी यही कहा कि भूपेश कुमार ने कहा पद अपनी मेहनत के बल पर पाया है.
घर की सारी जिम्मेदारी होने के बावजूद भी हासिल किया मुकाम
जज के पद पर चयनित भूपेश कुमार ने बताया कि उसकी 6 बहने है जिनकी अब शादी हो चुकी है. पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के सिर पर है लेकिन इसके बावजूद वह लगातार मेहनत करते रहे और आज उन्हें अपनी मेहनत का फल मिला है. भूपेश कुमार ने बताया कि ज़ब कोरोना काल में सारा देश घरों में बंद था उसमें भूपेश कुमार ने सोशल मीडिया के सहारे अपनी तैयारी की. उन्होंने इंटरनेट और यूट्यूब से पढ़ाई की.
कड़ी मेहनत से निर्धारित होता है भविष्य
भूपेश कुमार ने बताया कि 10वीं व 12वीं और किसी भी कक्षा के अंक उनका भविष्य निर्धारित नहीं करते बल्कि उनकी कड़ी मेहनत ही उनका भविष्य निर्धारित करती है. उनका कहना है कि यदि उन्होंने एक छोटे से स्कूल से पढ़कर आज यह मुकाम हासिल किया है तो हर कोई अपना सपना पूरा कर सकता है. वास्तव में ही भूपेश कुमार ने सबके लिए एक मिसाल कायम की है.