कुरुक्षेत्र न्यूज़

कुरुक्षेत्र में ही क्यों हुआ महाभारत का युद्ध, भगवान श्री कृष्ण ने इस प्रकार किया युद्ध भूमि का चयन

कुरुक्षेत्र :- हरियाणा नए साल को गीता जयंती वर्ष के रूप में मनाने जा रहा है. बता दे कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की, कि अगले साल गीता जयंती समारोह केवल कुरुक्षेत्र में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के विभिन्न जगहों पर इसका आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही सरकार की तरफ से विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम करवाए जाएंगे. इस वजह से इसका बजट भी दोगुना यानी कि 2 करोड रुपए के आसपास कर दिया गया है. गीता जयंती समारोह को बड़े स्तर पर मनाने के पीछे एक मुख्य बात यह भी है कि गीता का उपदेश श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में ही दिया था, जहां पर महाभारत का युद्ध हुआ था. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में ही क्यों हुआ था.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

mahabharat

क्यों कुरुक्षेत्र में ही हुआ महाभारत का युद्ध

महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में ही हो इसके लिए भगवान श्री कृष्ण ने ही स्थान को चुना था, क्योंकि उन्होंने कुरुक्षेत्र को युद्ध के लिए चुना है इसके पीछे भी एक अलग ही दास्तां है. शास्त्रों के अनुसार महाभारत का युद्ध जब तय हो गया था, तो उसके लिए जमीन की तलाश की जा रही थी. श्री कृष्ण जी बढी हुई असुरता से ग्रस्त व्यक्तियों को उस युद्ध के द्वारा नष्ट करवाना चाहते थे. भगवान श्रीकृष्ण को डर था कि भाई- भाइयों के, गुरु शिष्य के व संबंधी कुटुबंदियों के इस युद्ध में एक दूसरे को मरते देख कहीं यह संधि न कर बैठे, इसीलिए ऐसी भूमि पर ही युद्ध लड़ा जाए जहां क्रोध और द्वेष के संस्कार पर्याप्त मात्रा में हो.

भगवान श्री कृष्ण नें युद्ध के लिए इसलिए कुरुक्षेत्र को चुना 

भगवान श्री कृष्ण ने कई दूत अनेकों दिशाओं में भेजें और उन्हें वहां की घटनाओं का जायजा लेने के लिए कहा था. उसी के बाद युद्ध के लिए इस स्थान को चुना गया था. एक दूत ने बताया कि कुरुक्षेत्र में बड़े भाई ने छोटे भाई को खेत की मेंड टूटने पर बैठे हुए वर्षा के पानी को रोकने के लिए कहा, उसने साफ मना कर दिया.  इस पर बड़ा भाई आग बबूला हो गया और उसने अपने छोटे भाई को छुरे से गोद डाला. उसकी लाश को पैर पकड़कर घसीटते हुआ उस खेत मे ले गया और जहां से पानी निकल रहा था और पानी रोकने के लिए उस लाश को वहां पर लगा दिया.

इस सच्ची कहानी को सुनकर ही भगवान श्री कृष्ण ने यह तय किया था कि यही भूमि भाई- भाई के युद्ध के लिए उपयुक्त है.  श्रीकृष्ण को यकीन हो गया था कि इस भूमि के संस्कार यहां पर भाइयों के युद्ध में एक दूसरे के प्रति प्रेम उत्पन्न नहीं होने देंगे. भगवान श्री कृष्ण ने ऐलान किया था कि महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में ही होगा. महाभारत की इस कथा से यह भी साबित होता है कि शुभ और अशुभ विचारों एवं कर्मों के संस्कार भूमि में देर तक समय रहते हैं, इसीलिए ऐसी भूमि में ही निवास करना चाहिए जहां पर शुभ विचारों और कार्यों का समावेश हो. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

Author Meenu Rajput

नमस्कार मेरा नाम मीनू राजपूत है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर काम करती हूँ. मैंने बीकॉम, ऍम कॉम तक़ पढ़ाई की है. मैं प्रतिदिन हरियाणा की सभी ब्रेकिंग न्यूज पाठकों तक पहुंचाती हूँ. मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं अपना काम अच्छी तरह से करू और आप लोगों तक सबसे पहले न्यूज़ पंहुचा सकूँ. जिससे आप लोगों को समय पर और सबसे पहले जानकारी मिल जाए. मेरा उद्देशय आप सभी तक Haryana News सबसे पहले पहुँचाना है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button