देखे वीडियो: कैथल में बेटे संग धरने पर बैठा हेड कॉन्स्टेबल, छुट्टी न मिलने से था नाराज
कैथल :- प्रदेश में कार्यरत विभिन्न पुलिसकर्मी दिन- रात Duty करके देश की नागरिकों की सेवा करते हैं. यदि पुलिस डिपार्टमेंट में कार्यरत सिपाहियों के बीच ही आपसी खींचातानी होने लग जाए, तो ऐसे में देश के नागरिकों की सेवा कैसे होगी. एक ऐसा ही मामला सोनीपत के गांव बरौदा के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल का आया है. हेड कॉन्स्टेबल को छुट्टी की स्वीकृति मिलने के बावजूद 1 सप्ताह बाद भी रवानगी नहीं दी गई जिसके कारण उसने अपने बेटे को लेकर धरने पर बैठना पड़ा.
पुलिसकर्मी पर रवानगी ना देने का लगाया आरोप
हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार का आरोप है कि DSP Head क्वार्टर में तैनात एक अन्य पुलिसकर्मी ने उसके खिलाफ साजिश रची है. नरेंद्र कुमार चिका (कैथल) में पंजाब Boarder पर नाके पर तैनात है. पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहा है जिस वजह से उसने 1 सप्ताह पहले छुट्टी की अनुमति ली थी. Monday को छुट्टी मिल भी गई थी इसके बावजूद भी उसे Saturday तक भी रवानगी नहीं दी गई. उसका आरोप है कि DSP हेड क्वार्टर में कार्यरत पुलिसकर्मी राजेश ने उसके खिलाफ साजिश रचते हुए, उसे घर नहीं जाने दिया गया. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे में क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
कुछ दिनों से चल रहा बीमार
नरेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले उसकी ड्यूटी DSP कार्यालय में लगी थी, इसके बाद उसे 15 दिन के लिए चीका में पंजाब नाके पर भेज दिया गया. उसने अपनी बीमारी का हवाला भी दिया, इसके बावजूद भी उसे अलग- अलग जगहों पर Duty के लिए भेजा जा रहा है. उसने बताया कि उसका पड़ोसी मकान बना रहा है जिस कारण उसके घर की एक दीवार भी गिर गई है और उसे अपने घर की दीवार बनवानी हैं, परंतु पुलिसकर्मी राजेश उसे छुट्टी मिलने के बावजूद भी रवानगी नहीं दे रहा है.
मजबूरीवश बैठना पड़ा धरने पर
नरेंद्र कुमार ने बताया कि मजबूरीवश 1 सप्ताह इंतजार करने के बाद उसे सचिवालय के सामने धरने पर बैठना पड़ा. धरने का पता चलते ही पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. पुलिसकर्मियों ने आनन- फानन में नरेंद्र कुमार को जबरन धरने पर से उठा दिया. कैथल के SP मकसूद अहमद के आश्वासन देने के बाद पुलिसकर्मी नरेंद्र कुमार ने धरना समाप्त किया. SP ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिसकर्मी नरेंद्र कुमार को रवानगी दे दी गई है, और अब वह घर जा चुका है.