Farming Tips: सिर्फ हरी मिर्च की खेती कर आप भी कमा सकते है मोटा मुनाफा, सिर्फ एक एकड़ में हो जाएंगे लखपति
फिरोजपुर :- देश के अधिकतर हिस्सों में गेहूं और चावल की खेती की जाती हैं, परंतु पंजाब के सीमावर्ती जिले फिरोजपुर में मिर्च का उत्पादन करने वाले किसान गेहूं चावल का उत्पादन करने वाले किसानों की अपेक्षा अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. पंजाब सरकार ने मिर्च का बड़े स्तर पर उत्पादन करने के लिए इस जिले में एक मिर्च कलस्टर स्थापित करने का ऐलान किया है. मिर्च की फसल October- November में लगाई जाती है जोकि March- April तक पककर तैयार हो जाती है.
उत्पादन बढ़ाने के लिए कलस्टर पद्धति का किया जाएगा विकास
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब के इस सीमावर्ती जिले में जल्द ही मिर्च कलस्टर स्थापित किया जाएगा. इसके तहत मिर्च उत्पादकों को कम लागत करने और इसकी निर्यात व घरेलू बाजारों पर पकड़ मजबूत करने और फसल की गुणवत्ता में सुधार के लिए इस तकनीक की मदद ली जाएगी. प्रत्येक वर्ष पंजाब में 10,000 हेक्टेयर भूमि में मिर्च की खेती की जाती है और करीब 20,000 टन उत्पादन किया जाता है. जबकि सबसे अधिक मिर्च की खेती फिरोजपुर में की जाती है. इस खेती से मिर्च उत्पादकों को अन्य दूसरी खर्चे निकाल देने के बाद 1.50- 2 लाख रुपए तक की Income होती हैं.
मिर्च की खेती से कमा लेते हैं अच्छा खासा मुनाफा
आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं. मिर्च उत्पादक मनप्रीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मिर्च के उत्पादन से उन्हें प्रति एकड़ 2 लाख रूपये तक की Income होती है. उसने कहा कि वह 100 एकड़ भूमि पर मिर्च उगाता हैं जिससे उन्हें हरी मिर्च के लिए 20 से 25 रूपये किलो और लाल मिर्च के लिए 230 से 240 रूपये किलो तक की Income होती है. फिरोजपुर से मिर्च खरीदने के लिए इंदौर, भोपाल, नागपुर, गुजरात, गंगानगर, राजस्थान तक के व्यापारी आते हैं.
पंजाब के विभिन्न हिस्सों पर की जाती है मिर्च की खेती
पंजाब के बागवानी निदेशक शालिन्द्र कौर ने बताया कि फिरोजपुर जिले के 3 ब्लॉक घल खुर्द, फिरोजपुर और ममदोट मिर्च की खेती के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा Punjab, पटियाला, जालंधर, अमृतसर, होशियारपुर, तरनतारन, संगरूर आदि में भी मिर्च का उत्पादन किया जाता है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और किसानों की लागत कम करने के लिए कलस्टर पद्धति अपनाई गई है, जोकि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन भी वृद्धि करने में सहायता करेगा.