Jhajjar News: एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में झज्जर के लाल ने किया कमाल, किर्गिस्तान के रेसलर को धूल चटाकर झटका सोना
झज्जर :- हरियाणा के खिलाड़ी ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपने देश के साथ-साथ Haryana का नाम रोशन कर रहे हैं. इसी दिशा में झज्जर जिले के गांव बीरोहर गांव निवासी कुश्ती खिलाड़ी अमन सहरावत ने भी एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम भार वर्ग में जीत हासिल की है. बता दें कि इन्होंने कुश्ती में किर्गिस्तान के अलमाज समानबेकोव को 9-4 से हराकर भारत को पहला Gold Medal दिलाया.
कुश्ती में झटका गोल्ड मैडल, नाम किया रोशन
पहला स्वर्ण पदक दिलाकर इन्होंने भारत के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश का नाम विदेशों में भी रोशन कर दिया. पदक विजेता पहलवान जब गांव में आएंगे, तो उनका ग्रामीणों की तरफ से जोरदार स्वागत किया जाएगा. उनकी इस जीत की वजह से पूरे गांव में ही खुशी का माहौल है. अमन ने क्वार्टर फाइनल में जापान के रिकूतो अराई 7-1 से हराया था. इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन के वानहाओ झू को 7-4 से शिकस्त दी थी. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
पूरे गांव में है खुशी का माहौल
बता दें कि International Level पर अमन का यह चौथा पदक है. इस बारे में इनके परिवार वालों से बातचीत की गई, तो उनके दादा ने कहा कि जब भी छोरा विदेशी धरती पर खेलने के लिए जहाज में बैठा, खाली हाथ कभी भी वापस नहीं लौटा. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनका पोता छत्रसाल स्टेडियम दिल्ली में सतपाल महाबली पहलवान से प्रशिक्षण ले रहा है. ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना देखने वाले अमन के माता-पिता का कई साल पहले ही देहांत हो चुका है, अमन अपने ताऊ, चाचा और दादा के साथ रहते हैं.इन्ही लोगों ने इनकी परवरिश की है.
ताऊ, चाचा और दादा जी ने की परवरिश
अमन सहरावत किसान परिवार से संबंध रखते हैं. उनकी बहन पूजा, दादा मांगेराम, ताऊ सुधीर, जयवीर, चाचा रणवीर, कर्मवीर, वेद प्रकाश आदि परिजन गांव से 2 किलोमीटर दूर नोगामा की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर छोटी सी ढाणी में रहते हैं. अमन के दादा कृष्ण ने बताया कि उनके पोते को बचपन से ही कुश्ती का काफी शौक रहा है. उनका चाचा कर्मवीर भी अपने समय का नामी पहलवान रहा है. उन्होंने गाधणी आश्रम में पहली बार लंगोट पहनते हुए खंडेसरी बाबा से प्रशिक्षण लेना शुरू किया था, आज वह इस लायक हो गया हैं कि वह पूरे दुनिया में अपने देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है.