Chanakya Niti: सभी समस्याओं की जड़ है ये एक चीज, इस पर काबू पा लिया तो चमक जाएगी जिंदगी
Chanakya Niti :- प्राचीन काल से ही चाणक्य नीति में लिखी बातों को विशेष महत्व दिया जाता है. चाणक्य नीति में लिखी बातें आज भी उतना ही महत्व रखती है जितना कि पहले रखती थी. चाणक्य नीति में कहा गया है कि मनुष्य अपने द्वारा किए कर्मो के कारण ही सुख और दुख भोगता है. मनुष्य द्वारा किए गए अच्छे कर्मो के कारण वह सुख भोगता है,जबकि मनुष्य द्वारा किए गए बुरे कर्म उसके दुखों का कारण बनते है. चाणक्य नीति के 13वें अध्याय के 15वें श्लोक में मनुष्य की उन आदतों के बारे में बताया गया है जिसकी वजह से उसके बने बनाए काम बिगड जाते है.
जनो दहति संसर्गाद वनं सगविवर्जनात
आचार्य चाणक्य के इस श्लोक में बताया गया है कि व्यक्ति की दुखों और चिंताओं का सबसे बड़ा कारण उसका मन होता है. यदि व्यक्ति का मन काबू में नहीं है तो वह कभी भी जीवन में आने वाले सुखो को नहीं भोग पाता और ना ही उनसे संतुष्ट हो पाता. सुखी जीवन जीने के लिए व्यक्ति का मन Control में होना बेहद जरूरी है. ऐसे व्यक्ति के बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं, जिस कारण वह कभी सुखी भी नहीं रह पाता. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
छल- कपट बुरे कर्मों से रहना चाहिए दूर
चाणक्य नीति के अनुसार जो व्यक्ति हमेशा झल- कपट और बुरें कर्म करता है, वह व्यक्ति कभी भी सुखी नहीं रह सकता, ऐसे व्यक्ति को कभी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो पाता. मनुष्य को हमेशा अनुशासन के साथ रहना चाहिए जो व्यक्ति अनुशासन के साथ रहता उसके जीवन में दुखों के बादल कभी नहीं छाते. साथ ही मनुष्य को अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए. ज्यादा मन भटकेगा तो मनुष्य कभी भी अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएगा.
चित्त पर करें नियंत्रण
चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को अपने चित्त पर Control करना आना चाहिए. जो मनुष्य अपने चित्त पर नियंत्रण नहीं रख सकता वह हमेशा दूसरों की सफलताओं को देखकर ही जलता रहता है, और स्वयं के जीवन में आने वाली खुशियों का अनुभव नहीं कर पाता. ऐसे लोगों का किसी भी कार्य में मन नहीं लगता, जिस वजह से वह न तो कभी सफल हो पाता और ना ही कभी खुश रह पाता.