माता वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों पर टूटा मुसीबत का पहाड़, कटरा लगातार 7 दिनों से बंद
कटरा. माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के द्वारा लग रहे गंडोले के विरोध में कटरा पिछले सात दिन से लगातार बंद है. इसकी वजह से देशभर से आने वाले माता वैष्णो देवी की यात्रा पर पर बड़ा असर पड़ा है. दरअसल, साल के आखिरी दिनों में लाखों के करीब आने वाले यात्रियों की संख्या सिर्फ 15 से 20,000 तक सिमट गई है. 31 दिसंबर के दिन भी यात्रियों भीड़ पहले की तरह दिखाई नई दी. नहीं तो ऐसा होता था कि भीड़ की वजह से 30 दिसंबर की रात को ही पर्ची काउंटर बंद कर दिया जाता था, लेकिन इस बार उतने यात्री नहीं दिखे. कटरा से भवन के रास्ते श्राइन बोर्ड की 10 प्रतिशत दुकानें भी हैं, पर उन दुकानों पर काम करने वाले भी स्थानीय होने के कारण प्रर्दशन में बैठे हैं, जिसकी वजह से वो दुकानें भी बंद हैं और माता के भक्तों को परेशानी हो रही है.
इस बीच, कटरा में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे युवाओं की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मेडिकल जांच की. वहीं, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ मंगलवार को सातवें दिन भी माता वैष्णो देवी का आधार शिविर कटरा बंद रहा. श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने 25 दिसंबर को बंद का आह्वान करते हुए घोषणा की थी कि कटरा में सभी गतिविधियां बंद रहेंगी.
समिति के विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद मंगलवार को सातवें दिन भी सभी दुकानें, रेस्तरां और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे तथा पवित्र शहर में सड़कों से यातायात नदारद रहा. देश के सबसे व्यस्त शहरों में से एक में बंद के कारण जनजीवन बाधित हो गया है, जहां हजारों तीर्थयात्री प्रतिदिन गुफा मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं.
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के 18 सदस्यों की रिहाई की मांग को लेकर आठ युवक भूख हड़ताल पर हैं, जिन्हें कटरा में रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ विरोध मार्च के दौरान हिरासत में लिया गया था. 25 दिसंबर को आयोजित मार्च के दौरान समिति के नेता भूपेंद्र सिंह और सोहन चंद सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. भूख हड़ताल पर बैठे एक युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने ताराकोट मार्ग से सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर के मार्ग पर 250 करोड़ रुपये की लागत से यात्री रोपवे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का फैसला किया था. यात्रा मार्ग के दुकानदार, पिट्ठू और पालकीवालों के साथ स्थानीय लोग इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. उन्हें अपनी आजीविका के नुकसान का डर है. रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि रोपवे कटरा के बाजार को बायपास कर देगा, जिससे तीर्थयात्रियों के आवागमन पर निर्भर हजारों दुकानदारों पर असर पड़ सकता है. उनका मानना है कि रोपवे शुरू होने से उनकी रोजी-रोटी को खतरा हो सकता है.