1 अप्रैल के बाद ऑनलाइन भुगतान करना पड़ेगा महंगा, इतने रूपए चार्ज लगनी की तैयारी
नई दिल्ली :- आजकल डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है और इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका है UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनका असर सीधे आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय स्थिति पर पड़ सकता है। अगर आप UPI के जरिए ट्रांजेक्शन करते हैं और अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाए रखना चाहते हैं, तो इन नए नियमों को समझना जरूरी है।
UPI के नए नियम और ट्रांजेक्शन लिमिट
आरबीआई ने एक जनवरी 2025 से यूपीआई ट्रांजेक्शन की नई लिमिट तय कर दी है।
- सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए एक लाख रुपये तक की सीमा होगी
- विशेष श्रेणी के लिए पांच लाख रुपये तक की लिमिट दी जाएगी, इसमें मेडिकल और एजुकेशन से जुड़े भुगतान शामिल होंगे
इस बदलाव के बाद अब लोग आसानी से बड़ी रकम का लेन-देन कर पाएंगे और भुगतान पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा।
यूपीआई पर क्रेडिट लाइन सुविधा
अब तक यूपीआई का इस्तेमाल सिर्फ आपके बैंक खाते से सीधा भुगतान करने के लिए होता था। लेकिन आरबीआई ने अब क्रेडिट लाइन की सुविधा को भी शामिल कर दिया है।
अब बैंक ग्राहकों को प्री-सैंक्शन क्रेडिट लाइन ऑफर कर सकते हैं, जिसका मतलब यह है कि यदि आपके खाते में पैसे नहीं हैं, तब भी आप यूपीआई से भुगतान कर सकते हैं। लेकिन यह सुविधा किसी लोन की तरह होगी, जिसे समय पर चुकाना होगा।
- अगर आपने इस क्रेडिट लाइन से पैसे खर्च किए और तय समय पर भुगतान नहीं किया तो इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ेगा
- देर से भुगतान करने पर भविष्य में पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है
अब यूपीआई ट्रांजेक्शन पर लगेगा चार्ज
अगर आप दो हजार रुपये से ज्यादा का यूपीआई भुगतान कर रहे हैं और यह व्यापारी को किया जा रहा है, तो अब एक दशमलव एक प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज देना होगा।
- यह शुल्क सिर्फ व्यापारिक भुगतान पर लागू होगा
- यदि आप किसी मित्र या परिवार के सदस्य को पैसे भेज रहे हैं, तो कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा
आरबीआई का यह कदम डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने और बड़े ट्रांजेक्शन को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।