प्रदेश में पहली भाई-बहन की जोड़ी बनी अग्निवीर, सेना में जाने के लिए एक साथ करते थे मेहनत
झज्जर :- भारत सरकार की अग्निपथ योजना के तहत झज्जर के मातानहेल निवासी अनुजा और सुमित अग्निवीर भर्ती में चयनित हुए है. सुमित और अनुजा भाई-बहन हैं. ऐसा पहली बार है, जब एक परिवार के दो सदस्य अग्निवीर बने है. इनके अग्निवीर बनने से आसपास के युवा भी प्रेरित हुए है. जितना विशेष इनका अग्निवीर बनना है, उतनी ही विशेष इनकी यात्रा है.
बैंगलुरु में लेंगे दोनों भाई बहन Training
दोनों भाई-बहन शुरू से ही सेना में जाना चाहते थे. पहले सेना व वायु सेना में स्थायी भर्ती के लिए प्रयास किया लेकिन यहां भर्ती रद हो गई तो अग्निवीर बनने का सपना देखा. पहली बार में ही दोनों रोहतक भर्ती कार्यालय द्वारा कराई गई भर्ती में Select हो गए. अब दोनों Training के लिए बैंगलुरु जा रहे हैं. दोनों बैंगलुरु में अलग-अलग जगहों पर Training लेंगे. दोनों भाई-बहन अग्निवीर बनने पर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहें है. सुमित बताते हैं कि साल 2020 में वायु सेना में एक्स ग्रुप के लिए उनका चयन हो गया था, लेकिन आगे यह भर्ती Cancel हो गई. इसके कुछ ही समय बाद भारत सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा कर दी. गांव में सुबह पांच बजे उठना और किसी दिन दौड़, किसी दिन बीम मारना तो किसी दिन अन्य Exercise करने से दिन शुरू होता था. सेना भर्ती कार्यालय रोहतक के तहत अग्निवीरों की भर्ती का Schedule जारी हुआ तो हिसार में जाकर टेस्ट दिया और Select हो गए.
खेती से होता है घर का गुज़ारा
सुमित बताते हैं कि उनके पिता विजय किसान है. उनके पास चार एकड़ जमीन है. ऐसे में परिवार का गुजारा खेती से ही चलता है. गांव में से ही कुछ युवा सेना में गए हैं तो उनका भी सपना था कि वें सेना में जाएं. इसी प्रकार बहन अनुजा भी शुरुआत से ही सेना में जाने की बात कहती थी इसलिए दोनों ने मिलकर तैयारी शुरू की. अब सेना भर्ती कार्यालय भी दोनों भाई-बहन के उदाहरण को युवाओं बीच पेश कर रहा है, ताकि युवा प्रेरित हो. हाल ही में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैली का शेड्यूल जारी किया गया है. इसके लिए युवा गांवों में तैयारी करने में लगे है.
एक साथ की पढ़ाई , अब एकसाथ करेंगे देशसेवा
झज्जर के साल्हावास क्षेत्र के गांव मातनहेल निवासी चचरे भाई-बहन 22 वर्षीय सुमित सुहाग व 23 वर्षीय अनुजा सुहाग का अग्निवीर में चयनित होने पर परिजन भी काफ़ी ख़ुश है. ऑल इंडिया रैंक में शीर्ष स्थान प्राप्त करने पर अनुजा को ARO रोहतक की ओर से स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया है. सुमित पुत्र विजय कुमार पहले ही Try में भर्ती हुए हैं, जबकि अनुजा सुहाग पुत्री संजय पिछले चार वर्षों से सेना में भर्ती होने के लिए लगातार मेहनत कर रही थी. अनुजा व सुमित दोनों के पिता सगे भाई हैं, जो एक ही छत के नीचे रहते हैं. परिजनों ने बताया कि अनुजा और सुमित ने 12वीं तक की शिक्षा गांव मातनहेल के ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से की है.
20 फ़रवरी को प्रशिक्षण के लिए हुए रवाना
दोनों के परिजन खेतीबाड़ी के अतिरिक्त पशुपालन का व्यवसाय भी करते हैं. सुमित की माता सुनील और अनुजा की माता मुकेश दोनों बहनें है. उनके दादा ईश्वर सिंह व दादी राजकौर दोनों ही पोते-पोतियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है. दादा ईश्वर सिंह के बड़े भाई कटार सिंह सेना में लांस नायक के पद पर रह चुके हैं. अनुजा पंडित नेकी राम शर्मा कॉलेज से बीएससी की परीक्षा पास करने के बाद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से ही दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के तहत इतिहास से MA कर रही हैं. दोनों ही भाई-बहन चयनित होने के उपरांत 20 फरवरी को ट्रेनिंग के लिए रवाना हुए और Report भी कर चुके हैं. अनुजा बेंगलुरु के सीएमटी सेंटर नेल्संधरा में एक मार्च से ट्रेनिंग लेंगी. वही सुमित सीएससी सेंटर बेंगलुरु में रहकर ट्रेनिंग लेंगे. दोनों भाई बहनों के अग्निवीर में चयनित होने पर गांव वाले भी बहुत खुश है.