हरियाणा में आर्मी कैप्टन ललित की शादी बनी चर्चा का विषय, शादी में शगुन के तौर पर लिया मात्र 1 रूपया
रेवाड़ी :- देशभर में जहां एक तरफ दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति लोगों के वैवाहिक जीवन को बर्बाद कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो बिना दहेज शादी कर समाज के सामने मिसाल कायम कर रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण रेवाड़ी जिले के गांव खालेटा निवासी कैप्टन ललित यादव ने पेश किया है, जिन्होंने अस्सिटेंट प्रोफेसर के साथ शगुन के तौर पर मात्र 1 रूपया लेकर शादी की है. बिना दहेज की गई यह शादी चौतरफा सुर्खियां बटोर रही है.
कैप्टन के पद पर ललित यादव
ललित यादव ने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था. इसके बाद, साल 2018 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (CDS) परीक्षा को पास कर इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया और फिर उनका कैप्टन के पद पर प्रमोशन हुआ. उनके पिता महेंद्र सिंह यादव भी भारतीय सेना से कैप्टन के पद से रिटायर हुए थे.
बिना दहेज शादी करने की ठानी
कैप्टन ललित यादव की दुल्हनिया बनी रेवाड़ी के मोहल्ला आदर्श नगर निवासी अनीषा राव वर्तमान में जयपुर के सरकारी कालेज में अस्सिटेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. तीन महीने पहले ही दोनों का रिश्ता तय हुआ था और उसी दौरान दोनों ने तय कर लिया था कि बिना दहेज के शादी करेंगे.
दहेज एक कुरीति: ललित
कैप्टन ललित यादव ने कहा कि दहेज एक सामाजिक कुरीति है, जिसे हर शिक्षित वर्ग के युवा को मिलकर खत्म करना होगा. उनके पिता महेंद्र सिंह यादव ने कहा कि उनके लिए बेटी ही दहेज है. अनीषा का आगमन ही उनके घर में खुशहाली लेकर आया है. समाज से दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे.