Artificial Rain In India: भारतीय वैज्ञानिकों का जलवा, अब इस तकनीक से जब चाहो तब होगी बरसात
नई दिल्ली, टेक्नोलॉजी :- भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए हर किसी को बारिश का इंतजार रहता है. आम नागरिकों से लेकर खेती करने वाले किसानों तक सभी चाहते हैं कि समय पर बारिश हो. बारिश के बिना किसानों की फसलें नहीं हो पाती और किसानों को घाटा उठाना पड़ता है. सोचो अगर आपके चाहने से बारिश (Artificial Rain In India) हो जाए तो कैसा होगा? अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है, तो ऐसा ही है भारतीय वैज्ञानिकों ने इस दिशा में अनोखा कारनामा कर दिखाया है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने कृत्रिम वर्षा तकनीकी का विकास करके सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है.
वायु प्रदूषण कम करने में सहायक
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर द्वारा कृत्रिम वर्षा तकनीकी को तैयार करने में वैज्ञानिकों को करीब 6 वर्ष का समय लग गया. ब्रेकथ्रू तकनीकी को कृत्रिम रूप से बारिश की स्थिति पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो शुष्क मौसम और Air प्रदूषण से लड़ने में कारागार साबित होगा. IIT कानपुर में कृत्रिम वर्षा तकनीक की प्रभावशीलता का सफलतापूर्वक अध्ययन किया गया. कृत्रिम वर्षा तकनीक का जब से लोगों को पता चला है, उनके लिए यकीन कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है.
परिक्षण हो चूका है सफल
इस तकनीक का प्रयोग नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को उचित प्राधिकरण के साथ आयोजित किया गया था. कृत्रिम वर्षा तकनीकी का नेतृत्व में IIT कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने किया. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी तरफ से सभी संस्थाओं का सफल परीक्षण किया जा चुका है. समय के साथ- साथ देश प्रगति कर रहा है, जिसे देखते हुए लग रहा है कि आने वाले दिनों में देश- प्रदेश का पूरा नक्शा ही बदल जाएगा.
चीन ने कर दिया था इंकार
परीक्षण के दौरान पाया गया कि एक नौसेना ने IIT कानपुर के हवाई क्षेत्र से 5000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरी. वर्ष 2017 में सरकार ने बुंदेलखंड में कृत्रिम बारिश की पेशकश की. इससे पहले इस तकनीकी को बनाने वाले चीन ने भारत को इसे देने से इंकार कर दिया था. वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई इस तकनीक के द्वारा जब आप चाहोगे तब कृत्रिम वर्षा करवा सकते हैं.
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