क्रेडिट कार्ड ग्राहकों के साथ बैंक ने मचाया लूट- खसोट, हिडेन चार्ज से वसूल लिए 11000 करोड़ रुपये
नई दिल्ली :- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तो आप भी करते होंगे, लेकिन क्या आपको इस पर लगने वाले चार्जेज के बारे में पता है. नहीं पता तो जानकर हैरान हो जाएंगे कि सिर्फ हिडेन चार्ज लगाकर ही बैंकों ने 11 हजार करोड़ रुपये ग्राहकों से वसूल लिए. इसका खुलासा फिनटेक ऐप क्रेड (CRED) के सीईओ ने किया है. उन्होंने बताया कि उनके ऐप ने क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले चार्जेज की समीक्षा की और बताया कि बैंकों ने इस तरह के चार्ज लगाकर 11 हजार करोड़ रुपये वसूल लिए हैं.
CRED के संस्थापक और सीईओ कुणाल शाह ने हाल ही में खुलासा किया कि उनके फिनटेक प्लेटफॉर्म ने पिछले साल 11,000 करोड़ रुपये के हिडेन शुल्क और लेट फीस का पता लगाया. कंपनी ने हाल ही में Svalbard नामक एक नया टूल्स लॉन्च किया है. इसका उद्देश्य अपने सदस्यों के लिए क्रेडिट के काम करने के तरीके को फिर से परिभाषित करना है. CRED के नए क्रेडिट कार्ड प्रबंधन टूल्स में ‘CRED प्रोटेक्ट’ भी शामिल है, जो हिडेन चार्जेज और बिलिंग त्रुटियों को संबोधित करता है.
कैसे काम करता है ऐप
क्रेड का यह नया फीचर एक विसंगति पहचान प्रणाली है जो अनधिकृत शुल्क, गलत ब्याज शुल्क और अप्रत्याशित शर्तों में बदलाव की समीक्षा करता है. यह प्लेटफॉर्म प्रतिदिन 1 करोड़ से अधिक अनबिल्ड ट्रांजेक्शन्स को ट्रैक करने की क्षमता रखता है और खर्च करने के पैटर्न पर रियल-टाइम इनसाइट्स भी प्रदान करता है. यह प्लेटफॉर्म विवाद समाधान प्रक्रिया को भी सरल बनाता है, जिसमें जारीकर्ताओं को सीधे कॉल करने के विकल्प शामिल हैं.
कब बना था क्रेड
CRED के संस्थापक ने कहा कि सवालबार्ड के साथ हम क्रेडिट को वित्तीय प्रगति के लिए एक ताकत में बदल रहे हैं. एक ऐसे देश में जहां अधिकांश लोग कर्ज को तनावपूर्ण मानते हैं, हम जिम्मेदार व्यवहार को पहचान रहे हैं और पुरस्कृत कर रहे हैं, जिससे क्रेडिट को चिंता का कारण बनने के बजाय विकास का उत्प्रेरक बना रहे हैं. कुनाल ने CRED के अलावा 2010 में संदीप टंडन के साथ FreeCharge की भी स्थापना की थी. यह एक डिजिटल पेमेंट्स कंपनी है, जिसे 2015 में Snapdeal ने खरीद लिया था.
यूजर को कंपनी देती है रिवार्ड
CRED एक क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान प्लेटफॉर्म है, जो समय पर भुगतान करने पर यूजर्स को रिवॉर्ड देती है. CRED ने FY24 में 2,473 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 66 प्रतिशत की वृद्धि है. यह वृद्धि उत्पादों के अधिक उपयोग और मोनेटाइज्ड यूजर्स की संख्या बढ़ने के कारण हुई है. साथ ही कंपनी ने अपने ऑपरेशनल नुकसान को 41 फीसदी घटाकर 609 करोड़ रुपये कर लिया है.