NCERT Syllabus: 10वीं कक्षा की NCERT किताब में हुआ बड़ा बदलाव, हटाए गए ये तीन चैप्टर
नई दिल्ली, NCERT Syllabus :- समय के साथ- साथ बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ता जा रहा है. ज्यादा सिलेबस होने के कारण बच्चों के दिमाग पर तो प्रभाव पड़ता ही है साथ में बच्चों के कंधों का बोझ भी बढ़ जाता है. Syllabus अधिक होने के कारण बच्चे किसी भी विषय पर अच्छे से Focus नहीं कर पाते. ऐसे में बच्चों के कंधों और दिमाग का बोझ कम करने के लिए NCERT ने 10वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों में बदलाव किया है. अब बच्चों को पुस्तकों में केवल Limited सिलेबस ही दिया जाएगा.
इन 3 चैप्टर से बच्चों को मिलेगी निजात
NCERT ने बच्चों की सिलेबस संबंधित समस्याओं को कम करने के लिए यह निर्णय लिया है. दसवीं कक्षा में NCERT की पुस्तकें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब Periodic Table, लोकतंत्र और ऊर्जा के स्त्रोत पढ़ने को नहीं मिलेंगे. आगे से 10वीं की NCERT की पुस्तकों में से ये सभी चैप्टर हटा दिए जाएंगे. इन चेप्टरों में बच्चों को पढ़ने और याद रखने में काफी समस्याएं आ रही थी, जिस वजह से इनको बुक में से हटाया जाएगा.
सिलेबस को लेकर बच्चों के दिमाग से होगा बोझ कम
इससे पहले वर्ष की शुरुआत से ही 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से विकास के सिद्धांत चैप्टर को हटाया गया था, जिसके बाद काफी वाद विवाद भी हुआ था. अब एक बार फिर NCERT पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रही है. अब NCERT की तरफ से 10वीं की विज्ञान की पाठ्यपुस्तको में से आवर्त सारणी के चैप्टर सहित अन्य 3 चेप्टरों को हटाए जाने की बात सामने आई है. अधिकारियों का मानना है कि यदि पाठ्यक्रम से यह चैप्टर हटा दिए जाए तो बच्चों के दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं रहेगा, और बाकी पाठ्यक्रम पढ़ने में रुचि दिखाएंगे. वहीं यदि विद्यार्थी 11वीं और 12वीं कक्षा में रसायन विज्ञान Subject चुनते हैं तो उन्हें आवर्त सारणी चैप्टर पढ़ना अनिवार्य होगा.
कठिनाई स्तर को देखते हुए लिया यह फैसला
नेशनल काउंसलिंग ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेंनिंग का कहना है कि कोरोना महामारी के काल से छात्रों का कठिनाई स्तर बढ़ गया था जिसे कम करना अनिवार्य था. कठिनाई स्तर को देखते हुए उन्होंने कुछ अध्यायों को हटाने का फैसला किया है. Science की पुस्तकों से पर्यावरणीय अस्थिरता और ऊर्जा के स्रोत चैप्टर को हटाया गया है. वहीं कक्षा दसवीं के सोशल साइंस की Book से लोकतंत्र की चुनौतियां और राजनीतिक दलों पर पूर्ण अध्याय को भी हटा दिया गया है.