हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा: अब किसानों को मिलेंगे ₹8000 प्रति एकड़, जानिए कैसे मिलेगा लाभ
चंडीगढ़ :- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने किसानों को कम जल खपत वाली फसलों की ओर प्रेरित करने और पराली प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने “मेरा पानी मेरी विरासत” योजना के तहत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि ₹7000 से बढ़ाकर ₹8000 प्रति एकड़ करने की बात कही।
इसके साथ ही, ऐसी ग्राम पंचायतें जो अपनी कृषि योग्य भूमि को धान की खेती के लिए लीज पर न देकर खाली छोड़ती हैं, उन्हें भी अब यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि धान की सीधी बुआई (DSR) में सामान्य बुआई की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत तक कम पानी की आवश्यकता होती है। इसे ध्यान में रखते हुए, DSR तकनीक से धान की बुआई करने वाले किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि ₹4000 से बढ़ाकर ₹4500 प्रति एकड़ कर दी गई है।
धान की पराली को जलाने के बजाय उसका प्रबंधन करने वाले किसानों को भी राहत दी गई है। अब उन्हें ₹1000 की बजाय ₹1200 प्रति एकड़ की सहायता मिलेगी।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 1 लाख एकड़ भूमि पर खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो कि पिछले वर्ष के 25,000 एकड़ के मुकाबले चार गुना अधिक है। साथ ही, अब सिर्फ 1 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती करने वाले किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे, जबकि पहले इसके लिए कम से कम 2 एकड़ की शर्त थी।
इसके अलावा, लवणीय या क्षारीय भूमि को उपजाऊ बनाने के प्रयासों को भी गति दी गई है। वर्ष 2025-26 तक इस प्रकार की 1,00,000 एकड़ भूमि को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है, जो वर्तमान वर्ष के 62,000 एकड़ से काफी अधिक है।
मुख्यमंत्री की ये घोषणाएं राज्य में जल संरक्षण, टिकाऊ कृषि और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास मानी जा रही हैं।