नए साल पर आम जनता को बड़ा गिफ्ट, अब महज 570 रूपए में मिलेगा गैस सिलेंडर
LPG Rate Today: पेट्रोलियम मंत्रालय ने घरेलू ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कंपोजिट गैस सिलेंडर को लॉन्च किया है. यह सिलेंडर न केवल सस्ता है. बल्कि सुविधाजनक भी है. जिन परिवारों में गैस की खपत कम है. उनके लिए यह सिलेंडर बेहद उपयोगी साबित हो सकता है. इसकी कीमत केवल ₹570 है, जो पारंपरिक गैस सिलेंडर से करीब ₹330 कम है.
इंडियन ऑयल (Indian Oil composite gas cylinder features) का यह नया कंपोजिट सिलेंडर कई खासियतों के साथ आता है.
- हल्का और पारदर्शी: पारंपरिक सिलेंडर के मुकाबले यह हल्का है और पारदर्शी डिजाइन के कारण गैस की मात्रा को आसानी से देखा जा सकता है.
- कम खपत वाले घरों के लिए उपयुक्त: जिन घरों में कम गैस की खपत होती है, उनके लिए यह सिलेंडर बेहतर विकल्प है.
- 10 किग्रा गैस की क्षमता: इसमें 10 किग्रा एलपीजी गैस आती है. जो छोटे परिवारों के लिए पर्याप्त है.
उत्तर प्रदेश (availability of composite cylinder in Uttar Pradesh) के लखनऊ में यह कंपोजिट सिलेंडर केवल ₹570 में उपलब्ध है. इस सिलेंडर को देश के अन्य शहरों में भी जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा.
पारंपरिक घरेलू गैस सिलेंडर (comparison with traditional LPG cylinders) के दाम अभी भी जस के तस बने हुए हैं. 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमत अधिक है और इसके दाम में बदलाव की उम्मीद कम ही रहती है. इसके मुकाबले कंपोजिट सिलेंडर एक सस्ता और सुविधाजनक विकल्प है.
सूत्रों के अनुसार नए साल (price reduction expected for LPG in new year) पर घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में कमी की उम्मीद की जा रही है. हालांकि अभी तक केवल कमर्शियल सिलेंडरों के दामों में ही बदलाव किया जाता रहा है.
फिलहाल कंपोजिट गैस सिलेंडर (market expansion of composite cylinders) कुछ ही स्थानों पर उपलब्ध है. लेकिन सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां इसे देश के हर शहर में उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही हैं.
यह सिलेंडर (benefits of composite cylinders for households) खासकर उन परिवारों के लिए लाभकारी है. जहां गैस की खपत कम होती है. हल्का और सुरक्षित होने के कारण यह इस्तेमाल में भी आसान है.
कंपोजिट सिलेंडर न केवल सस्ता है. बल्कि इसके निर्माण में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है. जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है. यह विकल्प न केवल ग्राहकों के खर्च को कम करेगा. बल्कि ऊर्जा संरक्षण में भी मदद करेगा.