Budget 2025 Expectations Farmers: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने वाली हैं। मोदी सरकार से किसानों की ढेर सारी उम्मीदें हैं। इनमें पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली 6000 की सहायता राशि को दोगुना करके 12,000 रुपये सालाना करना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत अधिक फसलों को लाना शामिल है साथ में किसान क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट बढ़ाने जैसी मांगें शामिल हैं।
किसानों को इनकम बढ़ाने की चुनौती
फिलहाल करीब 22 फसलें हैं, जिनका न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार ने तय किया है, जिनमें धान, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, मूंग, उड़द, कपास, जूट और गेहूं शामिल हैं। रेटिंग एजेंसी इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स की नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय किसानों को इनकम बढ़ाने की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि इनपुट लागत, सालाना 6.1% की दर से बढ़ रही है, जिसने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 5.36% की एमएसपी वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है।
मानसून ने खेती-किसानी को प्रभावित किया
पिछले कुछ वर्षों में मानसून ने खेती-किसानी को प्रभावित किया है, जिससे किसानों की आजीविका को प्रभावित करने के अलावा कमी और महंगाई में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार किसानों के लिए रिपेमेंट नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रही है। नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एक सूत्र ने कहा कि यह विचार खेती के दौरान लिक्विडिटी की कमी को कम करने के लिए है।
1998 से 3 लाख रुपये पर अटका एग्री लोन लिमिट
लाइव मिंट के मुताबिक सरकार एग्री लोन लिमिट को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है, जो 1998 से 3 लाख रुपये पर अटका हुआ है। इस कदम का उद्देश्य बढ़ती लागत के बीच कृषि क्षेत्र का समर्थन करना और किसानों को अधिक सुलभ और फ्लेक्सिबल क्रेडिट विकल्प प्रदान करना है।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): केसीसी के तहत ₹ 3 लाख तक की क्रेडिट सीमा के साथ, ब्याज सबवेंशन, पुनर्भुगतान प्रोत्साहन, फसल सुरक्षा और बीमा सहित कई लाभ प्रदान करता है। मौसमी कृषि कार्यों के लिए लोन, जैसे कि फसल की बुवाई, फसल कटाई के साथ पुनर्भुगतान होता है। ऐसे लोन की अवधि आम तौर पर लगभग 12 महीने होती है, जिससे किसान अपनी उपज बेचने के बाद चुकाने में सक्षम होते हैं। सूखे या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में, पुनर्भुगतान अवधि को अनुमोदन के साथ बढ़ाया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बजट से पहले परामर्श में कृषि संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों ने बीज जैसे कृषि आदानों पर वस्तु एवं सेवा कर को खत्म करने का भी सुझाव दिया। दलहन और तिलहन उत्पादन में सुधार के लिए वित्तीय पैकेज के अलावा, बढ़ती महंगाई के कारण पीएम किसान योजना के तहत नकद लाभ बढ़ाने के लिए खाद और कीटनाशक, बढ़ती मुद्रास्फीति के आधार पर नकद लाभ को बढ़ाना है।