नई दिल्ली :- किसान कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश करके अपनी आमदनी बढ़ा सके इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के किसानों और लघु उद्यमियों को लंबी अवधि के लिए बैंक ऋण पर अनुदान दिया जा रहा है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा राज्य भूमि विकास बैंक प्रदेश के 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को 130 करोड़ रुपये के दीर्घकालीन ऋण वितरण करेगा। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के किसानों और लघु उद्यमियों को अब सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से दीर्घकालीन कृषि एवं अकृषि ऋण उपलब्ध हो पाएंगे।
किसानों को लंबी अवधि ऋण पर मिलेगा 7 प्रतिशत का ब्याज अनुदान
सहकारिता मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की बजट घोषणा के अनुसार किसानों को 7 प्रतिशत एवं लघु उद्यमियों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा। नाबार्ड से पुनर्वित्त के अभाव में काफी समय से अधिकांश भूमि विकास बैंकों द्वारा उक्त योजनाओं के अंतर्गत ऋण वितरण नहीं हो पा रहा था। विगत दिनों नाबार्ड द्वारा पुनर्वित्त जारी करने एवं एनसीडीसी द्वारा ब्याज दरों में कमी किये जाने के परिणामस्वरूप अब ऋण वितरण संभव हो सकेगा।
कृषि कार्यों के लिए 5 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा लोन
राजस्थान सरकार द्वारा ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाये जाने के फलस्वरूप भूमि विकास बैंकों द्वारा वितरित दीर्घकालीन कृषि ऋण मात्र 5.05 प्रतिशत एवं दीर्घकालीन अकृषि उत्पादक ऋण मात्र 7.05 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। किसान इस ऋण से पॉली हाउस, नेट हाउस, फार्म पोंड, तारबंदी, कृषि यंत्र, डेयरी आदि कार्यों के लिए कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के ऐसे लगभग 15 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों, जहां पिछले 5-6 वर्षों से दीर्घकालीन ऋण वितरण नहीं किया जा रहा था, को भी ऋण वितरण के लक्ष्य आवंटित किये गये हैं। इनमें अजमेर, केकड़ी, टोंक, हिण्डौन, सवाई माधोपुर, जालौर, पाली, सिरोही, बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक शामिल हैं। प्रदेश की दीर्घकालीन सहकारी साख संरचना के पुनरुद्धार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।