बैंक में FD कराने वालों को बड़ा झटका, अब इतना देना पड़ेगा ये टैक्स
नई दिल्ली :- भारत में सबसे ज्यादा लोग एफडी स्कीम में निवेश करते हैं। सेफ्टी स्कीम एक ऐसा जरिया होता है जहां से सुरक्षित और गारंटी रिटर्न में मिलता है। जब भी हम अपने पैसों को एफडी स्कीम में निवेश करते हैं तो उसे समय बैंक द्वारा ऑफर की गई ब्याज को आधार बनाकर अपने आप का कैलकुलेशन कर लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि टीडीएस (TDS) काटने के बाद अंत में आपको कितना घाटा उठाना पड़ सकता है आईए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से।
Income Tax On FD
अगर आप भी फिक्स डिपॉजिट में निवेश करने के लिए सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले यहां पर दी गई जानकारी को पढ़ लेना है। बता दे की फिक्स डिपॉजिट में निवेश करना सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है। और यह सबसे लोकप्रिय निवेश साधन है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरह के निवेश पर टैक्स के बाद रिटर्न आमतौर पर बैंक द्वारा दिए जाने वाले ब्याज से कम होते हैं। अगर आपका टर्म डिपॉजिट पर 7% से लेकर 8% दर से ब्याज मिल रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको टैक्स कटौतियों के बाद वही दर मिलेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि सऊदी जमा आए (एफडी स्कीम पर इनकम) पर 10% टैक्स डिडक्टेड एक्ट सोर्स (TDS) काटा जाता है, जिस व्यक्ति की कुल आय में जोड़ा जाता है और टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है।
TDS का कैलकुलेशन को समझें
उच्च टैक्स ब्रैकेट वाले व्यक्ति अपने आयकर रिटर्न (ITR) को दाखिल करके टीडीएस वापस लेने का दवा नहीं कर सकते हैं, इसलिए प्रणाम स्वरूप जमा राशि पर से करके बाद मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, SBI, PNB, HDFC BANK और आईसीआईसीआई बैंक 6 महीने की जमा राशि के लिए औसत ब्याज दर लगभग 5% है। हालांकि टैक्स के बाद मिलने वाला रिटर्न केवल 3.49% है। इसी तरह से बैंक में 5 साल की जमा राशि के लिए औसत ब्याज दर लगभग 6.75% होता है, लेकिन टैक्स के बाद जो रिटर्न आपको मिलेंगे वह सिर्फ 4.9% होगा।
क्या बाइक एफडी स्कीम का है कोई विकल्प
विशेषज्ञों के अनुसार म्युचुअल फंड जैसे बाजार में निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने के सुझाव देते हैं, क्योंकि ऐसी योजनाओं से आमतौर पर दीर्घकालिक रिटर्न मिलता रहता है। निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो के एक हिस्से को बाजार से जुड़े उत्पाद को जैसे म्युचुअल फंड में बेहतर रिटर्न के लिए शिफ्ट करना चाहिए। क्योंकि एफडी स्कीम पर टैक्स लगने के बाद रिटर्न कम मिलता है।