Bijli Bill News: बिजली उपभोक्ताओं को मिली बड़ी राहत, अब बिजली बिल में मिलेगी 20 प्रतिशत छूट
नई दिल्ली :- सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में पुराने बिजली मीटर की जगह प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला लिया है. इस कदम से बिजली बिल बकाया की समस्या खत्म होगी और भुगतान की प्रक्रिया सरल हो जाएगी. सरकार ने इस योजना के तहत सभी विभागों को एडवांस बिल जमा करने पर रिबेट और ब्याज में छूट देने का भी ऑफर दिया है. इस फैसले से बिजली कंपनियों को बार-बार भुगतान रिमाइंडर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने सभी सरकारी विभागों, कमिश्नर, कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नया स्मार्ट मीटर लगवाने से पहले सभी पुराने बिजली बिलों का भुगतान करना अनिवार्य होगा. किसी भी विभाग को नया मीटर तभी मिलेगा. जब वह साबित कर देगा कि उसके ऊपर कोई बकाया नहीं है. इससे सरकार को बिजली बिलों की बकाया राशि की वसूली करने में भी मदद मिलेगी. सभी सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच जिस महीने का सबसे अधिक बिजली बिल आया था. उससे दोगुनी राशि का एडवांस भुगतान करें. इससे प्रिपेड स्मार्ट मीटर में रिचार्ज की गई राशि से एक महीने तक बिजली की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रहेगी. इस योजना के तहत:
- 6 महीने तक एडवांस भुगतान करने वाले कार्यालयों को विशेष रिबेट और ब्याज में छूट मिलेगी.
- अगर किसी कारणवश रिचार्ज बैलेंस खत्म हो जाता है, तब भी 6 महीने तक कनेक्शन काटा नहीं जाएगा.
सरकार ने इस योजना के तहत आम उपभोक्ताओं के लिए भी राहत देने की योजना बनाई है. छोटे और घरेलू उपभोक्ताओं को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली खपत पर 20 फीसदी तक की छूट मिल सकती है. इसके अलावा:
- बड़े उपभोक्ताओं के लिए भी रिबेट और छूट की व्यवस्था की जा सकती है.
- स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को बिजली की वास्तविक खपत का सटीक आंकलन करने में मदद मिलेगी.
- बिजली चोरी और बिलिंग में गड़बड़ी की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
स्मार्ट मीटर सिस्टम बिल्कुल मोबाइल फोन के प्रीपेड प्लान की तरह काम करेगा. इसमें:
- उपभोक्ता को पहले से ही बिजली के लिए एक निश्चित राशि रिचार्ज करनी होगी.
- रिचार्ज खत्म होने पर उपभोक्ता को तुरंत बैलेंस डालना होगा. ताकि बिजली सेवा प्रभावित न हो.
- उपयोगकर्ता स्मार्टफोन ऐप या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी बिजली खपत को मॉनिटर कर सकेंगे.
- बिजली कंपनियों को मैनुअल मीटर रीडिंग लेने की जरूरत नहीं होगी. जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी.
मध्य प्रदेश में 1.26 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से अब तक 11 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. सरकार ने पहले चरण में 35 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है. यह योजना प्रदेशभर में पारदर्शी और कुशल बिजली आपूर्ति व्यवस्था बनाने में मदद करेगी.
फायदे
- उपभोक्ताओं को अपने बिजली खर्च का बेहतर प्रबंधन करने का मौका मिलेगा.
- बिजली चोरी पर रोक लगेगी, जिससे बिजली कंपनियों को घाटा नहीं होगा.
- सटीक बिलिंग और पारदर्शी भुगतान प्रणाली विकसित होगी.
- बिजली की खपत को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
नुकसान
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता की समस्या के कारण कुछ उपभोक्ताओं को परेशानी हो सकती है.
- स्मार्ट मीटर लगाने का शुरुआती खर्च अधिक हो सकता है.
- कम डिजिटल साक्षरता वाले उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन भुगतान प्रणाली समझना मुश्किल हो सकता है.