उर्वरकों को लेकर केंद्र सरकार का नया फरमान, अब भूमि के हिसाब से मिलेगा खाद
नई दिल्ली :- पिछले साल से चल रहे रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते उर्वरकों की कीमतें आसमान छू रही है. इससे सरकार के कंधो पर उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी बहुत बढ़ गया है. परंतु अब सरकार इसको काउंटर करने की तैयारी में जुटी हुई है. अब सब्सिडी को सीधे किसानों के खाते में पहुंचाने के लिए सरकार नया प्रयोग करने जा रही है.
7 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट
इस नए प्रयोग में सरकार किसानों को जमीन के अनुसार उर्वरक आवंटित करेगी. सरकार की योजना है कि पहले यह पायलट प्रोजेक्ट देश के 7 जिलों में शुरू किया जाएगा. यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहता है तो इसके बाद देश के अन्य जिलों में भी यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. सरकार की इस योजना में किसानों को उनकी Recorded जमीन के आधार पर उर्वरक दिया जाएगा . उदाहरण के लिए यदि किसी किसान के पास Registered भूमि 1 एकड़ है तो उसे 1 एकड़ के हिसाब से ही उर्वरक दिया जाएगा.
उर्वरक की हो रहीं कालाबजारी
सरकार को खबर मिली है कि उर्वरकों का उपयोग जरूरत से अधिक हो रहा है. इसके साथ ही सरकार को खबर मिली है कि उर्वरकों की कालाबाजारी भी हो रही है. असम, उत्तर प्रदेश दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक इन राज्यों के जिलों में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के मुख्यतः दो कारण सामने आ रहे हैं. एक तो सरकार चाहती है कि किसान केवल जरूरत के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करें. जरूरत से ज्यादा उर्वरकों का प्रयोग न किया जाए. ताकि उर्वरकों की मांग कम से कम हो और सरकार के कंधों से सब्सिडी का बोझ कम किया जा सके. सरकार के द्वारा किया गया यह पहला प्रयोग है. इसे पहले किसानों को उर्वरकों का आवंटन मांग और सप्लाई के आधार पर किया जाता था.