चाणक्य-नीति

Chanakya Niti: स्त्री व धन से पहले व्यक्ति को करनी चाहिए किसकी रक्षा, जाने क्या कहती है चाणक्य नीति

Chanakya Niti :- हमारे देश में जैसे वेद, पुराण और उपनिषदों में दी गई जानकारियों को महत्व दिया जाता है वैसे ही चाणक्य नीति को भी विशेष स्थान दिया जाता है. आचार्य चाणक्य ने मौर्य शासको का लम्बे समय तक मार्गदर्शन किया था, और उनको जीवन के हर कदम पर मजबूती के साथ खड़े रहने की प्रेरणा दी. जिस तरह से विज्ञान के सिद्धांतों की पुष्टि के लिए बार- बार प्रयत्न किए जाते हैं, और प्रत्येक बार समान परिणाम आता है उसी प्रकार चाणक्य नीति है, जिसका परिणाम प्रत्येक स्थिति में एक समान रहता है.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

chanakya niti 2

विभिन्न परिस्थितियों में देती है एक समान परिणाम 

आचार्य चाणक्य ने बताया कि वह नीतिशास्त्र के ज्ञान के द्वारा Past, वर्तमान और भविष्य का विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करना है. आचार्य चाणक्य राजनीति, अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ होते हुए भी एक महात्मा थे. चाणक्य के द्वारा दिया गया ज्ञान आज भी उतना ही महत्व रखता है जितना की प्राचीन काल में रखता था. उन्होंने कहा कि जिस तरह Science के सिद्धांत पुष्टि होने के बाद एक समान परिणाम प्राप्त होते है, उसी प्रकार नीतिशास्त्र भी एक निश्चित परम्परा है जो प्रत्येक समय पर एक समान परिणाम देती है. इसलिए उन्होंने नीतिशास्त्र को Science या विज्ञान कहा है.

स्त्री और धन से पहले करें इसकी रक्षा 

आचार्य चाणक्य ने अपने पहले अध्याय ने बताया है कि मुसीबत के समय धन और स्त्री से पहले किसकी रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि किसी भी कष्ट या मुसीबत से बचने के लिए मनुष्य को धन की रक्षा करनी चाहिए, जबकि धन खर्च करते समय स्त्रियों की रक्षा करनी चाहिए. लेकिन स्त्री और धन से भी एक जरूरी चीज है, वो है इंसान स्वयं, इसलिए इंसान को धन और स्त्री से पहले स्वयं की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने अपनी एक पंक्ति में कहां है-

तदहं संम्प्रेवक्षयामि लोकानां हितकामय्या|        येन विज्ञानंमात्रेन सर्वज्ञत्वं प्रपधते||

आचार्य चाणक्य ने इस पंक्ति के माध्यम से बताया है कि कोई भी व्यक्ति पढ़कर दुनियादारी, राजनीति से संबंधित बारिकियो को समझने में सर्वज्ञ हो जाएगा. सर्वज्ञ से अर्थ मनुष्य की बुद्धि इतनी विकसित हो जाती है कि वह किसी भी स्थिति के अनुरूप स्वयं को ढालने और निर्णय लेने में सक्षम हो जाता है. यदि मनुष्य को सभी तरह का ज्ञान है और वह सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाता है तो उसका सम्पूर्ण ज्ञान शून्य के बराबर माना जाता है.

Mukesh Kumar

हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश कुमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button