Chanakya Niti: इस 1 गलती के कारण इंसान कभी नहीं हो पाता सफल, उम्रभर परिश्रम के बाद भी नहीं मिलती सफलता
नई दिल्ली, Chanakya Niti :- चाणक्य एक प्राचीन भारतीय धार्मिक, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री था। भारतीय इतिहास में उनका योगदान माना जाता है। उनका जन्म लगभग 400 वर्ष पूर्व हुआ था। जो कौटिल्य और विष्णुगुप्त भी कहलाते हैं। वे मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण थे। वास्तव में, वे नंद राजा धनानंद की बुराई और अत्याचार से असंतुष्ट थे। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को सत्ता में स्थापित किया और उनका राज्य बड़ा हुआ। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को राजनीतिक और सैन्य ज्ञान भी दिया। उनका जीवन साधारण और निस्वार्थ था। अपने सिद्धांतों के लिए वे प्रसिद्ध थे। उनकी नीतियों और सिद्धांतों में राजनीति, व्यापार, धर्म, समाज और युद्ध के कई पहलू शामिल हैं। जिन लोगों ने उनकी नीति को अपनाया, वे अच्छे और सफल लोग बनते हैं। हम आज के लेख में चाणक्य नीति के कई सिद्धांतों पर चर्चा करेंगे। विस्तार से पता चलेगा..।
- Chanakya Niti कहती है कि अगर आप आराम करते हैं तो आपको उम्र भर काम करना पड़ेगा। जब आपको कुछ करने का अवसर मिलता है, तो उस अवसर का सही उपयोग करके खुद को ऐसा बनाएं कि लोग आपकी नहीं, बल्कि आपके काम की प्रशंसा करें।
- आचार्य चाणक्य ने कहा कि समाज की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि लोग सिर्फ बोलते हैं। आप खुद खर्च करते हैं, समाज नहीं। इसलिए आपको खुद निर्णय लेना चाहिए कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
- जब लोग उनकी अच्छाइयों का फायदा उठाते हैं, तो वे अक्सर बुरा बन जाते हैं। इसलिए चाणक्य नीति कहती है कि जितना अच्छा बनो, जीतने में आपको कोई नुकसान नहीं होगा।
- सफलता का मंत्र बताते हुए आचार्य चाणक्य ने कहा कि व्यक्ति सफल होता है जब वह दुनिया को नहीं बल्कि खुद को बदलता है। दुनिया को बदलने के लिए खुद को बड़ा बदलाव करना समान है। इसलिए, दूसरों को दिखाने के बजाय अपने आप को काबिल बनाने का प्रयास करें।
- जैसा कि आचार्य चाणक्य ने कहा, अगर आपके जीवन में कुछ अच्छा चल रहा है, तो दूसरों को बताने की गलती भूल कर भी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि हर कोई मीठा बोलना नहीं चाहता, बल्कि आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में आपका काम खराब हो सकता है।
- जैसा कि चाणक्य ने कहा, यदि आपका कोई शत्रु नहीं है, तो इसका मतलब यह है कि आप अन्याय के स्थान पर भी चुप रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों को सच के लिए हमेशा आवाज उठानी चाहिए और अन्याय को कभी नहीं सहना चाहिए; जो गलत है, वह गलत है, और जो सही है, वह सही है। यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए।