Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के रोवर का काम हुआ खराब, ये नई मुसीबत बनी राह में रोड़ा
नई दिल्ली :- जैसा कि आप सभी जानते हैं भारत ने हाल ही में एक नया कृतिमान स्थापित किया है. चांद की जमीन पर चंद्रयान लैंड करने वाला भारत पहला देश बन चुका है. रोवर छोटे मोटे गड्ढे तो पार कर सकता है पर बड़े नहीं इसलिए Chandrayaan-3 के रोवर प्रज्ञान (Pragyan) ने चांद की सतह पर गड्ढा देखकर अपनी राह बदल ली है. इस गड्ढा या क्रेटर का Diameter 4 मीटर है. यह गड्ढा रोवर के सामने लगभग 3 मीटर की Distance पर मौजूद था.
रोवर ने तय की 8 मीटर से ज्यादा दूरी
अब तक रोवर ने 8 मीटर यानी 26 फीट से ज्यादा दूरी Cover ली है. उसके दोनों पेलोड्स ऑन हैं. इसके अलावा इसरो का कहना है कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर के सभी पेलोड्स अब सही चल रहे हैं. तीनों का कम्यूनिकेशन बेंगलुरु स्थित सेंटर से बनाया गया है. इसरो ने जानकारी दी है कि रोवर, लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल बिल्कुल सही है. प्रज्ञान रोवर पर दो पेलोड्स लगे हुए हैं. पहले का नाम है लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप(Laser Induced Breakdown Spectroscope LIBS). यह एलिमेंट – कंपोजिशन के बारे में स्टडी करेगा.
खनिजों के बारे में करेगा खोजबीन
जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा. इनकी खोज लैंडिंग साइट के आसपास चांद की सतह पर होगी. दूसरा पेलोड का नाम अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (Alpha Particle X-Ray Spectrometer – APXS ) है. यह चांद की सतह पर उपस्थित रसायनों की मात्रा और Quantity के बारे में जानकारी एकत्रित करेगा. साथ ही Minerals के बारे में भी खोजबीन करेगा.
चाँद की सतह पर करेगा काम
Chandrayaan-3 का रोवर कुल 26 किलोग्राम वजनी है. यह तीन फीट लंबा, 2.5 फीट चौड़ा और 2.8 फीट ऊंचा है. इसमें छह Wheels लगे है. यह कम से कम 500 मीटर यानी 1600 फीट तक चांद की सतह पर जा सकता है. यह 1 सेंटीमीटर प्रति सेकेंड से गतिमान हैं. यह आने वाले 13 दिनों तक चांद की सतह पर तब तक काम करेगा जब तक इसे सूरज की रोशनी से ऊर्जा प्राप्त होगी.