Chandrayaan 3: इस दिन दोबारा डाटा भेजना शुरू करेगा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर, ISRO ने दी ये बड़ी जानकारी
नई दिल्ली :- वर्ष 2022 में चंद्रयान 2 के असफल होने के बाद ISRO ने 14 July 2023 को Chandrayaan 3 लांच किया था. चंद्रयान 3 लांच करने का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर मिट्टी, पत्थर, खनिजो और चंद्रमा की सतह का अध्ययन करना है. उम्मीद की जा रही थी कि 22 September 2023 को विक्रम लेंडर और प्रज्ञान रोवर जाग जाए. लेकिन सोच के मुताबिक कुछ नहीं हुआ क्योंकि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अभी तक सो रहे है. ऐसे में 23 सितंबर यानी की आज ISRO विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जगाने का प्रयास करेगे.
आवश्यकता अनुसार रोशनी नहीं मिल पा रही चंद्रयान को
इतने दिन बीत जाने के बाद भी लैंडर और प्रज्ञान रोवर सो रहे है. सूर्य की रोशनी से लेंडर और रोवर को जितनी Energy की आवश्यकता है वह उसे मिल नहीं पा रही है. जिस वजह से रोवर और लैंडर Active होने में समय ले रहे है. पिछले 10 दिनों के सभी आंकड़ों के हिसाब से प्रज्ञान रोवर ने 105 मीटर की दूरी तय कर ली है. ISRO चंद्रयान 3 के प्रज्ञान रोवर से मिले Data का विश्लेषण कर रहा है.
पिछले कुछ दिनों से प्रज्ञान रोवर है स्लीप मोड में
चंद्रयान द्वारा भेजे गए Data से चंद्रमा पर मिट्टी, चट्टाने, पानी और मानव जीवन की संभावना से जुड़ी जानकारियां मिल सकती हैं. पिछले कुछ दिनों से रोवर स्लीप मोड में था क्योंकि चांद के दक्षिणी ध्रुव का Temperature -120 से -220 डिग्री सेल्सियस था जोकि उपकरण में लगे सर्किटो को बिगाड़ सकता था. इसका चंद्रयान-3 के उपकरणों पर क्या प्रभाव पड़ा है यह तो उसके जगने के बाद ही पता चलेगा.
लैंडर की तरफ से नहीं आ रही कोई प्रतिक्रिया
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के कोरोंउ स्पेस स्टेशन लेंडर के पास लगातार मैसेज भेजे जा रहे हैं परंतु लैंडर अच्छे से प्रतिक्रिया नहीं कर रहा. जिसे देख लग रहा है कि अभी लेंडर कमजोर स्थिति में है. एमेच्योर एस्टॉनोमर्स टैली ने बताया कि अभी तक लैंडर की तरफ से कोई ठोस सिग्नल नहीं आया है. चंद्रयान -3 के चैनल पर 2268 मेगाहर्ट्ज का उत्सर्जन हो रहा है जो कमजोर बैंड है. इस समय जहां पर विक्रम लैंडर है वहां पर सूर्य की रोशनी 13 डिग्री पर पड़ रही है इस एंगल की शुरुआत जीरो डिग्री से शुरू होकर 13 डिग्री पर खत्म हो गई.