Charkhi Dadri News: चरखी दादरी के इस सरकारी स्कूल ने फेल किये बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूल, बच्चों के लिए हर कक्षा में लगा हुआ है AC
चरखी दादरी :- जैसा कि आपको पता है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की जो हालात है, उनको देखकर कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना नहीं चाहता. इसके विपरीत, अभिभावक अपने बच्चों को भारी भरकम फीस देकर Private Schools में भेजना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.आज हम आपको चरखी दादरी जिले के गांव खेड़ी बूरा स्थित राजकीय उच्च विद्यालय के बारे में जानकारी देने वाले हैं. इस Government School में ऐसी सुविधाएं हैं जो आपको बड़े से बड़े प्राइवेट स्कूल में भी नहीं मिलेगी. सुविधाओं के मामले में यह सरकारी स्कूल बड़े से बड़े प्राइवेट स्कूल को कड़ी टक्कर दे रहा है.
आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस है चरखी दादरी का यह सरकारी स्कूल
गांव खेड़ी बूरा स्तिथ राजकीय उच्च विद्यालय में कक्षा छठी से दसवीं तक सभी कक्षाओं में AC लगे हुए हैं तथा स्कूल में विद्यार्थियों को ओपन जिम, आधुनिक लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब,आरो का पानी, वाई-फाई आदि सभी आधुनिक सुविधाएं मिल रही है. यह सभी सुविधाएं प्राइवेट स्कूल में उपलब्ध करवाई जाती है, वही उसके बदले में विद्यार्थियों को भारी भरकम Fees देनी होती है परंतु चरखी दादरी के सरकारी स्कूल में ही विद्यार्थियों को यह सभी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त में मिल रही है. स्कूल के हेड मास्टर विकास कुमार से बातचीत की गई. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मॉडर्न सुविधा देने में Government के साथ-साथ गांव के निवासी जेबीटी शिक्षक राजेश का काफी अहम रोल रहा है.
सरकार भी स्कूल को दे चुकी है पहला स्थान
शिक्षक के पिता मुंशी राम के स्वर्गवास के बाद उन्होंने उनकी पूरी पेंशन स्कूल में लगाने का फैसला लिया और उनके प्रयासों से आज यह सरकारी स्कूल आधुनिक सुविधाओं से लैस है. Government की तरफ से भी इस स्कूल को सौंदर्यकरण के मामले में पहला स्थान दिया गया है. बता दे कि JBT शिक्षक राजेश की तरफ से ने केवल स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतरीन बनाने में योगदान दिया गया, बल्कि विद्यार्थियों की भी काफी मदद की जा रही है. स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्टेशनरी का सामान, ड्रेस, गरीब बच्चों के लिए किताबों का खर्च आदि भी शिक्षक की तरफ से खुद वहन किया जा रहा है. यह सरकारी स्कूल आसपास के इलाकों में मौजूद स्कूलों के लिए मिसाल बना हुआ है और बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों को भी टक्कर दे रहा है.