Kedarnath Temple Gold: केदारनाथ के गर्भगृह में लगे सोने को पीतल में बदलने से मचा हड़कंप, सुनकर नहीं होगा यकीन
उत्तराखंड :- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में उपस्थित केदारनाथ धाम हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है. लाखों की संख्या में भक्त यहां माथा टेकने पहुंचते हैं. प्रतिकूल जलवायु होने की वजह से यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर महीने के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है. इन दिनों यह मंदिर किसी और विषय के कारण चर्चा में बना हुआ है. आइए आपको इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हैं.
सोने की जगह पीतल चढ़ाने का आरोप
दरअसल केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने के स्थान पर पीतल लगाए जाने के आरोप लगाए गये है. एक दानदाता ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की इच्छा जाहिर की थी , जिसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति ने इसके लिए हामी भर दी. पिछले दिनों केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी के Social Media के जरिये एक वीडियो में आरोप लगाया कि गर्भग्रह की दीवारों पर सोने की नहीं बल्कि पीतल की परत चढ़ाई गई है और इसमें सवा अरब रुपये का घोटाला किया गया है.
धाम की छवि धूमिल करने के लिए षड्यंत्र
त्रिवेदी ने Video में मांग की कि राज्य सरकार इसकी जांच कराये और दोषियों के लिए कठोर कदम उठाये. त्रिवेदी ने यह भी साफ कर दिया कि यदि इस बारे में शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इस घोटाले को लेकर उग्र आंदोलन करना उनकी मजबूरी होगी. इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (BKTC) ने कहा कि यात्रा पर प्रभाव डालने और धाम की छवि को बिगाड़ने के लिए यह एक षड्यंत्र है. मंदिर समिति की तरफ से एक Tweet किया गया है, जिसमें सोशल मीडिया पर भ्रम और दुष्प्रचार करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की Warning भी दी गई. समिति ने स्पष्ट किया कि सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर उसे जड़ने तक का पूरा काम दानदाता की तरफ से किया गया है.
समिति की नहीं थी कोई भूमिका
समिति ने बताया कि एक दानदाता ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने के लिए कहा और समिति ने भी उसकी भावनाओं को समझते हुए इसके लिए स्वीकृति दे दी. समिति ने राज्य सरकार से भी अनुमति ले ली थी. समिति का कहना है कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देख-देख में पिछले वर्ष मंदिर को स्वर्ण मंडित किया गया. गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का काम दान देने वाले ने स्वयं किया. उसने अपने सुनार से तांबे की Plates बनवाई और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं. दान दाता ने अपने स्वर्णकार से ही इन प्लेट्स को मंदिर में लगवाया. आगे बताते हुए समिति ने कहा कि काम होने के बाद दानदाता ने गर्भ गृह में लगाए गए स्वर्ण और तांबे की प्लेटों के आधिकारिक Bill समिति को सौंप दिए जिन्हें नियमानुसार Record किया गया.
पिछले साल श्री बद्रीनाथ मंदिर गर्भगृह को भी करवाया था स्वर्णजड़ित
समिति ने जानकाररी दी कि इसी दानदाता की तरफ से साल 2005 में श्री बदरीनाथ मन्दिर गर्भगृह को भी स्वर्णजड़ित करवाया गया था. केदारनाथ धाम पर इस काम के लिए दानदाता या किसी Firm ने BKTC के सामने कोई शर्त नहीं रखी और न ही दान दाता ने बीकेटीसी से Income Tax अधिनियम की धारा-80जी के Certificate की मांग की. केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगा है , जिसका वर्तमान मूल्य लगभग 14.38 करोड़ रुपये है, जबकि स्वर्णमंडित काम के लिए इस्तेमाल तांबे की प्लेटों का कुल Weight 1,001.300 किलोग्राम है जिसकी कुल कीमत 29 लाख रुपये है. समिति ने इस बात को भी खारीज किया कि केदारनाथ गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने में एक अरब 15 करोड़ रुपये की लागत आई है.