Delhi New CM: दिल्ली में नए सीएम का नाम हुआ फाइनल, शपथ ग्रहण से पहले मिल गया संकेत
नई दिल्ली :- दिल्ली में भाजपा की सरकार तो बन गई है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर असमंजस बना हुआ है। हालांकि भाजपा हमेशा से ही अपने मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर आखिरी समय में ही पत्ते खोलती है। फिलहाल अभी नौ चेहरे ऐसे हैं, जिनपर भाजपा दाव खेल सकती है लेकिन बीते कुछ चुनावों से बीजेपी RSS की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को मौका देती आ रही है।
RSS के बैकग्राउंड से आते हैं ये पांच नाम
अगर दूसरे राज्यों के तमाम चुनावों को ध्यान में रखें, तो अन्य चुनावों की तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस की अहम भूमिका रही है। आरएसएस ने घर-घर जाकर 50 हजार से ज्यादा लोगों से बातचीत की और कई बैठकें कीं। ऐसे में आरएसएस की पसंद भी दिल्ली के मुख्यमंत्री चेहरे के लिए जरूरी हो सकती है। ऐसे में अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री रेस के नौ चेहरों की बात करें, तो उनमें से पांच ऐसे नेता हैं, जो आरएसएस बैकग्राउंड से आते हैं। इनमें प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्ता, पवन शर्मा, सतीष उपाध्याय और मोहन सिंह बिष्ट शामिल हैं।
पहली पसंद हो सकते हैं प्रवेश वर्मा
सबसे पहला नाम है प्रवेश वर्मा, जो पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और अभी मुख्यमंत्री चेहरे के दावेदार हैं। इसका एक फैक्टर ये भी है कि अब तक नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीतने वाले उम्मीदवार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में प्रवेश वर्मा इस फैक्टर पर खरे उतरते हैं। इसके अलावा प्रवेश वर्मा बचपन से ही संघ से जुड़े हैं और केशवपुरम से शाखा प्रमुख भी रह चुके हैं।
रेखा गुप्ता पर भी भरोसा जता सकती है भाजपा
दूसरा चर्चित नाम रेखा गुप्ता का है, जो पहले से ही मुख्यमंत्री के नाम की रेस में शामिल है। वहीं रेखा गुप्ता आरएसएस के बैकग्राउंड से आती हैं। बचपन से ही उनका आरएसएस से जुड़ाव रहा है और वे छात्र जीवन से ही भाजपा की कार्यकर्ता रही हैं। ऐसे में अगर भाजपा किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाती है, तो रेखा गुप्ता नंबर वन पसंद होंगी।
6 बार के विधायक रहे हैं मोहन सिंह बिष्ट
वहीं भाजपा मोहन सिंह बिष्ट को भी दिल्ली का मुख्यमंत्री बना सकती है क्योंकि मोहन सिंह बिष्ट 6 बार के विधायक हैं और मूल रूप से उत्तराखंड से आते हैं और वो बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। इसके अलावा उनका राजनीतिक करियर भी काफी दमदार रहा है।
पवन शर्मा और सतीष उपाध्याय के नाम पर भी लग सकती है मुहर
अगर आरएसएस फैक्टर से देखा जाए, तो भारतीय जनता पार्टी पवन शर्मा पर भी भरोसा जता सकती है। वे भाजपा से राजनीतिज्ञ हैं और बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं। इस फैक्टर को लेकर भाजपा सतीष उपाध्याय को भी मुख्यमंत्री बना सकती है क्योंकि वे भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे हैं। इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक करियर की शुरुआत की।