Diesel Vehicles: डीजल वाहन चालकों पर गिर सकती है गाज, जल्द सरकार कर सकती है बैन
नई दिल्ली :- Diesel Vehicles का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों के लिए एक बड़ी अपडेट सामने आ रही है. डीजल वाहन चालकों की समस्या बढ़ने वाली है. यदि आपके पास भी डीजल संचालित वाहन है तो आपको इस खबर के बारे में जरूर पता होना चाहिए. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने डीजल वाहनों के लिए एक याचिका दायर की है.
लगभग 10 लाख डीजल वाहन मालिक ढूंढ ले दूसरा विकल्प
इस याचिका के अनुसार 2027 तक भारत के शहरों में डीजल वाहन बैन करने के लिए कहा गया है. भारत में लगभग 10 लाख से भी ज्यादा डीजल वाहन मालिक है, ऐसे में उन्हें इशारा किया जा रहा है कि वह शीघ्र से शीघ्र अपने लिए इलेक्ट्रिक या फिर अन्य कोई विकल्प ढूंढ सकते हैं. डीजल वाहनों को Ban के पीछे सरकार का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और फेम स्कीम को विस्तारित करना है. सरकार के कार्बन जीरो लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में भी यह पहल हो सकती है.
Diesel से भारी मात्रा में होता है प्रदूषण
संभावित है कि डीजल कारों को बैन करने के अलावा 2030 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाली बसों को भी बंद किया जाए. इस याचिका में Automotive इंडस्ट्री के लिए Natural Gas के ज्यादा प्रयोग पर सुझाव पेश किया गया है. नेट जीरो का अर्थ प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बंद कर ग्रीनहाउस गैस से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना है. आपको बता दें कि डीजल वाहन भारी मात्रा में प्रदूषण फैलाते हैं जो पर्यावरण के लिए बहुत नुकसानदायक है. इससे फेफड़ों की बीमारी, अस्थमा अटैक और कई बार समय से पहले मौत जैसी भयानक घटनाएं देखने को मिलती हैं.
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नहीं खासा फर्क
इसके अलावा सरकार Renewable गैसों से 40 प्रतिशत बिजली बनाने की योजना पर भी काम कर रही है. भारत में कुल वाहनों की संख्या में 40 प्रतिशत डीजल से चलने वाले वाहन है और इनमें से भी 80 फीसदी Transport में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां हैं. दरअसल डीजल वाहनों से भारी मात्रा में Pollution हो रहा है जो चिंतित करने वाला है. पुराने समय में डीजल और पेट्रोल के भाव में बड़ा अंतर था जो अब समाप्त हो चुका है. पहले जो फासला लगभग 20-25 रुपये तक था, वह आज 5-7 रुपये हो चुका है. ऐसे में इतने छोटे से अंतर को लेकर डीजल वाहनों को खरीदा जाना नुकसान का ही सौदा है.