फ्री राशन लेने वाले लाखों लोगों की बढ़ सकती है मुश्किलें, खाद विभाग ने ये लिस्ट की तैयार
Free Ration Scheme:- देश में करीब 80 करोड़ से ज्यादा लोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत फ्री राशन पा रहे हैं. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक खाद्य सामग्री मुहैया कराना है. हालांकि कई रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि इस योजना का लाभ लेने वालों में कई अपात्र लोग भी शामिल हैं.
हाल के समय में सरकार को हर राज्य और जिले से शिकायतें मिल रही हैं कि पात्र लोगों के राशन पर अपात्र लोगों ने कब्जा जमा लिया है. इनमें ऐसे लोग शामिल हैं जो टैक्सपेयर्स हैं लेकिन फिर भी योजना का लाभ ले रहे हैं. यह एक बड़ी समस्या है, जिससे जरूरतमंद लोग वंचित हो रहे हैं.
सरकार ने इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ईकेवाईसी (eKYC for Ration Card Holders) प्रक्रिया शुरू की है. इससे फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठाने वालों की पहचान की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फर्जी राशन कार्ड धारकों की सूची तैयार की जा रही है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, टैक्सपेयर्स, चार पहिया वाहन मालिक, और ऐसे लोग जो जरूरतमंद नहीं हैं, उन्हें इस योजना से बाहर किया जाएगा. राशन कार्ड रद्द (Cancel Fake Ration Cards) करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. इससे योजना को सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.
सरकार ने राशन कार्ड की ईकेवाईसी (Ration Card eKYC Deadline) कराने के लिए तारीख बढ़ा दी है. जिन लोगों ने अभी तक ईकेवाईसी नहीं कराई है, उन्हें तुरंत यह प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए. अन्यथा, उनका राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है.
हाल ही में सरकार ने फ्री राशन योजना में गेहूं, दालें, चना, चीनी, नमक, सरसों का तेल, आटा, सोयाबीन और मसालों (Essential Items in Free Ration Scheme) को भी शामिल किया है. यह फैसला लोगों के पोषण स्तर को सुधारने और उनकी जीवन गुणवत्ता (Improved Quality of Life through Ration) को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है.
योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है. फर्जी राशन कार्ड धारकों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई (Strict Action Against Fake Ration Card Holders) करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता (Financial Support to Poor Families) प्रदान करना और उन्हें भूखमरी से बचाना है.
ईकेवाईसी प्रक्रिया और फर्जीवाड़ा रोकने के प्रयासों से जरूरतमंद लोगों को योजना का सही लाभ (Targeting Right Beneficiaries) मिलेगा. इससे सरकारी धन का दुरुपयोग रुकेगा और योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा.