शनि की साढ़ेसाती में भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो शनि देव झट से कर देंगे बर्बाद
धर्म :- शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार शनि देव सबको अपने कर्मों का फल देते हैं. यदि कोई अच्छे कर्म करता है तो शनि देव की कृपा उन पर बरसती है वही कोई बुरे कर्म करता है तो उसका खामियाजा भी उसे भुगतना पड़ता है. हफ्ते में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शनिवार के दिन विभिन्न लोग शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह की पूजा आराधना करते हैं.
शनि की साढ़ेसाती में होती है परेशानियां
हर कोई चाहता है कि उस पर शनि की नजर ना पड़े. शनिदेव का स्वभाव ऐसा ही कि वे बहुत जल्दी क्रोधित हो जाते हैं और न्याय का देवता होने की वजह से वो कर्मों के अनुसार व्यक्ति को फल जरूर देते हैं. ऐसे में शनि देव के दंड से कोई नहीं बच सकता है. वहीं जिनपर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है, उन्हें पूरे साढ़े सात सालों तक स्वास्थ्य, धन, परिवार और करियर संबंधी परेशानियां होती रहती हैं. अब अगर इस बारे में बात करें कि आखिर शनि की साढ़ेसाती क्यों लगती है तों हर ग्रह की तरह एक निश्चत अवधि में शनि भी राशि परिवर्तन करते हैं.
3 राशियों पर लगी हुई है शनि की साढ़ेसाती
शनि देव लगभग ढाई साल बाद एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करते हैं. जब शनि एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं तब एक साथ तीन राशियों में शनि की साढ़ेसाती लगती है. साथ ही दो राशियों पर शनि की ढैय्या लग जाती है. शनि जिस राशि में परिवर्तन करते हैं उस पर, उससे एक आगे की राशि चक्र और एक पीछे की राशि पर शनि की साढ़ेसाती होती है. जनवरी 2024 में शनि का गोचर मकर राशि से कुंभ राशि में हुआ था. ऐसे में फिलहाल मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती लगी हुई है.
मकर राशि पर साढ़ेसाती का आख़िरी चरण
इसमें कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है, मकर राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण है जबकि मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है. शनि की साढ़ेसाती की वजह से लोगों के जीवन में काफी परेशानियां आती हैं. ऐसे में आपको कुछ ऐसे कामों से बचना चाहिए जिनकी वजह से शनि देव क्रोधित नहीं हो.
भूलकर भी न करें ये काम
- वाद विवाद से दूर रहे
- अकेले बिल्कुल भी सफर न करें
- शनिवार और मंगलवार के दिन मांस या मदिरा का पान न करें.
- शनिवार को काले वस्त्र, चमड़े या लोह की चीज न खरीदें
- गरीब और असहाय का अपमान ना करें
- जानवरों को परेशान ना करें