महाशिवरात्रि की पूजा में भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाए ये चीजें, एक गलती पुरे जीवन पर पड सकती है भारी
नई दिल्ली :- भगवान शिव की पूजा के लिए फाल्गुन माह अत्यंत शुभ समय माना जाता है। इस माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व होता है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। पूरे भारत में शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है और बड़ी संख्या में लोग मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा में भक्त भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतुरा, सफेद रंग के फूल चढ़ाते हैं और जलाभिषेक करते हैं। हालांकि, कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना जाता है। आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर किन चीजों को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए वर्जित चीजें
हल्दी
हल्दी को हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। यह समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक है और पूजा में भी इसका उपयोग किया जाता है। लेकिन शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने की मनाही है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग को पुरुषत्व का प्रतीक माना जाता है, इसलिए हल्दी का उपयोग शिवलिंग पर नहीं करना चाहिए।
तुलसी के पत्ते
तुलसी का पत्ता हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है और यह पूजा में शामिल होता है। लेकिन शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते चढ़ाना वर्जित है। इसके पीछे की मान्यता यह है कि भगवान शिव ने तुलसी के पति, राक्षस जालंधर का वध किया था। साथ ही, तुलसी को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है, इसलिए इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
नारियल
नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है और इसे धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, नारियल को शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है। शिवलिंग पर नारियल चढ़ाने की मान्यता नहीं है।
टूटे चावल
भगवान शिव की पूजा करते समय अक्षत (पूर्ण चावल) का उपयोग किया जाता है। लेकिन अगर आप टूटे हुए चावल का उपयोग करते हैं, तो यह शिवलिंग के लिए गलत माना जाता है। यह पूजा में अशुद्धता को दर्शाता है और इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।
केतकी के फूल
केतकी के फूल को भी शिवलिंग पर चढ़ाने से बचना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव केतकी के फूल की झूठी गवाही के कारण नाराज हो गए थे। इसलिए, शिवलिंग पर केतकी के फूल चढ़ाना वर्जित है।
रोली और कुमकुम
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को पूजा करते समय रोली और कुमकुम से तिलक लगाया जाता है। लेकिन शिवलिंग पर रोली और कुमकुम से तिलक करना सही नहीं माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव धरती पर योग मुद्रा में विराजमान होते हैं, और इस स्थिति में उन्हें रोली या कुमकुम अर्पित नहीं करना चाहिए।
लाल रंग के फूल
लाल रंग को उग्रता और क्रोध का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव भोलेनाथ और शांति के देवता माने जाते हैं, इसलिए शिवलिंग पर लाल रंग के फूल चढ़ाना वर्जित है। भगवान शिव को सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए क्योंकि ये शांति और पवित्रता का प्रतीक होते हैं।
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न शास्त्रों, पुरानी कथाओं और सामान्य पूजा विधियों पर आधारित है।। हम इस जानकारी की सहीता को लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।