Doller And Rupee: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में औंधे मुँह गिरा भारतीय रुपया, डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड स्तर गिरावट
नई दिल्ली :- रुपया 83.29 प्रति डॉलर नीचे आ गया है. Doller की अपेक्षा रुपये की गिरावट आज ऐतिहासिक स्तर पर आ पहुंची है. आज इसमें आज 13 पैसे की और कमी देखी गई है. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में अमेरिकी Doller की अपेक्षा रुपये में जोरदार कमी के पीछे की वजह कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ना हैं और International मार्केट में दूसरी Currency के मुकाबले में भी डॉलर मजबूती से बढ़ रही है.
अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर जा पहुंचा रुपया
इससे आज रुपये के लिए सेंटीमेंट कमजोर हो चुके है. Doller की तुलना में रुपये में निरंतर चौथे Trading Session में कमी आई और यह अपने आज तक के सबसे निचले स्तर पर आ पहुंचा है. फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि इसके अतिरिक्त Domestic Share बाजार में निगेटिव सेंटीमेंट ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित कर रहा है. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 83.09 के भाव पर खुला था और दिन की ट्रेडिंग के दौरान यह 83.09 से लेकर 83.30 प्रति डॉलर की Limit में रहा. हालांकि Last में 83.29 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. रुपये के शुक्रवार के बंद भाव से 13 पैसे की कमी को दिखाता हुआ ये सर्वकालिक निचले स्तर पर जा पहुंचा.
अभी नहीं थमा है कमजोरी का सिलसिला
पिछले ट्रेडिंग सेशन में शुक्रवार को रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 83.16 प्रति डॉलर पर Close हुआ था. PTI के मुताबिक एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने बताया कि छुट्टी से पहले Risk Reward Ratio व क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद रुपया एक और Record निचले स्तर पर बंद हो पाया है जो दिखाता है कि इसमें कमजोरी का सिलसिला अभी रुका नहीं है. Friday को देश के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के आंकड़े घोषित किये गए हैं और इस बार आयात और निर्यात दोनों ही मोर्चों पर निराशा हाथ आई है.
आयात और निर्यात दोनों में देखी गई है कमी
Export भी कम हुआ है और Import में भी गिरावट आई है. इसके Effect से भी रुपये की कीमत प्रभावित हुई है. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार August में भारत का एक्सपोर्ट 6.86 फीसदी नीचे आकर 34.48 अरब डॉलर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 37.02 अरब डॉलर पर बना हुआ था. इंपोर्ट भी 5.23 फीसदी कम होकर 58.64 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल अगस्त महीने में 61.88 अरब डॉलर देखा गया था.