भूल कर भी न डलवाए 500 रुपए का पेट्रोल-डीजल, 195 या 205 रुपए में खरीदना होगा बेहतर
नई दिल्ली :- जब आप फ्यूल स्टेशनों पर जाते हैं, तो आपने अक्सर कुछ लोगों को राउंड फिगर (जैसे 100 या 200) के बजाय 195 या 205 जैसे अमाउंट में पेट्रोल या डीजल (Diesel) खरीदते देखा होगा. ये लोग दावा करते हैं कि यह रणनीति फ्यूल स्टेशनों पर ठगी से बचने का कारगर तरीका है. आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि उन्हें फ्यूल स्टेशन पर धोखा दिया गया है, जिसमें उन्हें भुगतान किए गए अमाउंट से कम पेट्रोल मिला है. लेकिन सवाल यह है कि क्या एक अलग अमाउंट में पेट्रोल या डीजल खरीदना सच में एक कारगर चाल है या सिर्फ एक गलतफहमी है?
पेट्रोल पंप कैसे काम करते हैं?
पेट्रोल पंप फ्यूल देते समय 100, 200, 500 और 1,000 रुपए जैसे अमाउंट के लिए प्री-सेट कोड्स का इस्तेमाल करते हैं. ये कोड एक बटन दबाने पर दर्ज किए जाते हैं, जिससे फ्यूल भरने वालों का समय और मेहनत बचती है. लेकिन इससे कई लोगों में यह धारणा पैदा हो सकती है कि उन्हें इन अमाउंट में पेट्रोल या डीजल खरीदने पर कम फ्यूल मिलता है.
195 या 205 रुपए में पेट्रोल-डीजल खरीदना बेहतर?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, असलियत में पेट्रोल पंप फ्लो मीटर सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं. यह सिस्टम लीटर में पेट्रोल या डीजल देता है, जिसमें सारी कैलकुलेशन लीटर के हिसाब से ही होती है. फ्यूल डिस्पेंसिंग मशीन में लगा सॉफ्टवेयर पेट्रोल या डीजल की निर्धारित दरों और फ्यूल की मात्रा के आधार पर लीटर को रुपए में बदल देता है. इसलिए, जब भी उपभोक्ता 100, 500 या 1,000 रुपए का फ्यूल खरीदता है, तो उसे उस दिन स्पेशल फ्यूल की दर के आधार पर भुगतान की गई राशि के लिए उपलब्ध पेट्रोल या डीजल की मात्रा मिलती है. राउंड फिगर्स से बचने और अलग-अलग संख्याओं को चुनने से ज्यादा फ्यूल मिलने की कोई गारंटी नहीं है. इसलिए, पेट्रोल पंपों पर सटीक फ्यूल डिस्ट्रीब्यूशन सुनिश्चित करने के लिए, व्हीकल का मालिक लीटर में फ्यूल की रिक्वेस्ट कर सकता है और उसके लिए सही अमाउंट की पेमेंट कर सकता है.