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बैंक FD में भूलकर भी ना डाले इतने रूपए, एक गलती जिंदगी को बना देगी झंड

नई दिल्ली :- एफडी में निवेश करके आज लाखों लोग पैसे कमा रहे हैं, लेकिन इससे होने वाले नुकसान से अधिकतर लोग अनजान हैं। एफडी में निवेश करना एक फायदेमंद सौदा है, लेकिन इसका एक ऐसा नुकसान भी है, जो एफडी में 5 लाख रुपये के निवेश (Fixed Deposit Investment Tips) से ज्यादा का निवेश करता है।  हालांकि, अगर बैंक या किसी वित्तीय संस्थान में कोई वित्तीय संकट आ जाए, तो इसमें जमा रकम पर असर पड़ सकता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि कुछ परिस्थितियों में पूरी राशि सुरक्षित नहीं रहती। निवेशकों को इस बात की जानकारी नहीं दी जाती और वे इसे एक जोखिम-मुक्त विकल्प मानते हैं।

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एफडी में निवेश के फायदे और नुकसान

लोगों को सुरक्षित निवेश के रूप में बैंक में जमा करने का तरीका बहुत पसंद आता है। हर उम्र व वर्ग के लोग इसे अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए चुनते हैं। विशेषज्ञ भी निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे अपने वित्तीय फैसलों में इसे शामिल करें। इसमें कई फायदे हैं, जैसे स्थिरता और कम जोखिम, लेकिन इसके साथ कुछ नुकसान (FD mein nivesh ke nuksaan) भी होते हैं। एक मुख्य नुकसान यह है कि इसमें रकम लॉक हो जाती है, जिससे आकस्मिक जरूरतों के समय समस्या हो सकती है। एफडी अलग-अलग अवधि के लिए होती हैं, उससे पहले इसे तुड़वाने पर लाभ से वंचित होना पड़ता है।

एफडी तुड़वाने से पहले जान लें ये बात

एफडी तुड़वाने पर उस पर निर्धारित की गई ब्याज दरों (interest rates in FD) का पूरा लाभ नहीं मिलता, इसलिए अलग-अलग बैंकों में छोटी एफडी कराना ठीक रह सकता है ताकि कभी जरूरत पड़ने पर उनमें से किसी एक एफडी को तुड़वाकर पैसे उपयोग में लिए जा सकते हैं। इसका यह भी फायदा मिलेगा कि अगर आपको एक-दो लाख रुपये की ही जरूरत है तो बड़ी एफडी को ब्रेक (FD breaking rules) नहीं करना पड़ेगा। एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरें बाजार के मुकाबले कम होती हैं। इससे लंबे समय में लाभ की संभावनाएं भी सीमित हो सकती हैं। इस प्रकार, यह निवेश की आदतों पर निर्भर करता है कि कोई इसे चुनें या नहीं।

5 लाख तक का इंश्योरेंस कवर 

अगर आप किसी बैंक में पैसे जमा करते हैं, तो अगर वह बैंक बंद हो जाए, तो आपको 5 लाख रुपये की एक निश्चित राशि तक इंश्‍योरेंस कवर यानी सुरक्षा मिलती है। यह सुरक्षा सरकार द्वारा इंश्‍योरेंस कवर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) एक्ट के तहत तय कर के दी जाती है और इससे आपको कुछ हद तक नुकसान से बचाव होता है। पहले यह सुरक्षा राशि कम थी, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है। यह योजना केवल बैंक जमा रकम पर लागू होती है और खास तौर पर बचत और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई है। इसका उद्देश्य लोगों को बैंकिंग सिस्टम में विश्वास दिलाना है।

अलग-अलग बैंक में एफडी का बेनेफिट

अगर बैंक बंद हो जाए और आपके पास जमा राशि अधिक हो, तो आपको 5 लाख (5 lakh insurance cover on bank default) रुपये की सीमा तक ही सुरक्षा मिलती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने 10 लाख या उससे ज्यादा पैसे जमा किए हैं और बैंक डूब जाता है, तो आपको केवल एक निर्धारित राशि ही वापस मिलेगी। बाकी की राशि आपको नहीं मिलेगी।  इसका मतलब यह है कि अगर बैंक की स्थिति खराब हो जाती है, तो बड़ी रकम पर आपको नुकसान (FD ke nuksan) उठाना पड़ सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप अपनी जमा राशि को लेकर सतर्क रहें और सही योजना बनाएं। इसके लिए आप अलग-अलग बैंकों में इन्हीं पैसों को बांटकर एफडी करा सकते हैं।

Sagar Parmar

हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश कुमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

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