नई दिल्ली

Dwarka Expressway: अब इस हाईवे पर छाएगी हरियाली की चादर, पेड़ पोधो से बनाए जायेंगे चार छोटे जंगल

नई दिल्ली :- देश के विकास के लिए सड़कों और National Highway का विकास महत्वपूर्ण स्थान रखता है. जैसे- जैसे देश में हाईवे और Dwarka Expressway का जाल फैलता जा रहा है वैसे- वैसे देश प्रगति के पथ पर बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपना फर्ज बड़ी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं. जब भी केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नवाचार की बात आती है तो परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के विभाग का नाम विशेष तौर पर  लिया जाता है, क्योंकि केंद्रीय परिवहन मंत्री यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहे हैं.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

road 2 1

NH-48 पर विकसित किए जाएंगे छोटे जंगल  

यात्रियों को सुविधाएं देने के मकसद से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) नई सोच नई अप्रोच की मुहिम में लगातार अनोखे प्रयोग कर रही है. NHAI नें NH-48 के एक बड़े हिस्से में हरियाली को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है. जिसके तहत इस NH-48 पर मियावाकी तकनीक के माध्यम से 4 छोटे जंगल विकसित किए जाएंगे. द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है, इस एक्सप्रेस वे के लिए बजघेड़ा से NH-48 पर बनने वाले क्लोवर लीव पर यह जंगल विकसित किए जाएंगे.

द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पहुंचा अंतिम चरण में 

Dwarka Expressway का निरीक्षण करते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि द्वारका Expressway के शुरू होने से गुरुग्राम और दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच संपर्क बढ़ेगा. दिल्ली के महिपालपुर से गुरुग्राम खेड़की दौला को जोड़ने के लिए तैयार किया जा रहा द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है. इस Project के तहत सड़क का करीब 19 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में आता है जबकि 10 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में आता है.

जंगल विकसित करने में अपनाई जाएगी मियावाकी तकनीक

इस नेशनल हाईवे पर विकसित किए जाने वाले 4 छोटे जंगलों में मियावाकी तकनीक के आधार पर पौधों को एक दूसरे से बेहद कम दूरी पर लगाया जाएगा. तथा इस योजना के तहत अधिकतर स्थानीय मिट्टी में उगने वाले प्रजाति के पौधों पर ही जोर दिया जाएगा. मियावाकी जापान की मशहूर वृक्षारोपण पद्धति है. इस तकनीकी के माध्यम से कम से कम जगह को भी छोटे बगीचों और जंगल में बदला जा सकता है. ये बगीचे नेशनल हाईवे की सुंदरता में चार चांद लगानें का कार्य करेंगे.

Mukesh Kumar

हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश कुमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button