अंतरिक्ष में हमारी घरती की तरफ आ रहा है ‘पृथ्वी का काल’, टकराने की संभावना बहुत ज्यादा
नई दिल्ली :- खगोलविदों ने हाल ही में एक ऐसी खोज की है, जो पृथ्वी के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है. यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के मुताबिक वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एस्टेरॉयड खोजा है, जिसके पृथ्वी से टकराने का खतरा है. इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 YR4 है. 22 दिसंबर 2032 को इसके हमारे ग्रह से टकराने की 2.2 फीसदी संभावना है. नए आकलन के बाद इसका जोखिम 1.2 फीसदी बढ़ गया है. खगोलविदों को डर है कि जैसे-जैसे अवलोकन साझा किए जाएंगे, वैसे-वैसे खतरे का प्रतिशत भी बढ़ सकता है. एजेंसी के मुताबिक अगर यह अन्य नियर अर्थ ऑब्जेक्ट के पैटर्न का अनुसरण करता है तो प्रभाव की संभावना बढ़ जाएगी और फिर धीरे-धीरे कम हो जाएगी.
उदाहरण के लिए एस्टेरॉयड एपोफिस को 2004 में जब खोजा गया तो इसके पृथ्वी से टकराने की सबसे ज्यादा संभावना थी. लेकिन 2021 में वैज्ञानिकों ने कक्षा के सटीक विश्लेषण के बाद अपनी राय को संशोधित किया. खगोलविद 2024 YR4 का जितना ज्यादा निरीक्षण कर सकते हैं वे इसके आकार और ट्रैजेक्टरी के बारे में जानकारी अपडेट करते रहेंगे. एजेंसी की ओर से शेयर किए गए एक पोस्ट के मुताबिक, ‘जितना ज्यादा हम अवलोकन करते हैं, उतना ही ज्यादा हम एस्टेरॉयड की ट्रैजेक्टरी को समझ सकते हैं. इससे हम यह समझ पाएंगे कि एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने या दूर होने की कितनी संभावना है.’
एस्टेरॉयड से क्या है खतरा?
इस एस्टेरॉयड का व्यास 40-90 मीटर के बराबर है. कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) के मैनेजर डॉ. पॉल चोडास का कहना है कि एस्टेरॉयड का आकार एक बड़ी इमारत के बराबर है. अगर एस्टेरॉयड अपनी अनुमानित आकार से बड़ा होता है तो जिस भी जगह यह गिरेगा वहां से 50 किमी दूर तक भयानक नुकसान हो सकता है. अंतरिक्ष में यह 17 किलोमीटर प्रति सेकंड (38,028 किमी प्रति घंटे) की स्पीड से तैर रहा है. ESA के मुताबिक इतने बड़े उल्कापिंड कुछ हजार वर्षों में पृथ्वी पर गिरते रहे हैं.
एस्टेरॉयड से मचती है तबाही
साल 1908 में साइबेरिया के तुंगुस्का नदी क्षेत्र में 30 मीटर चौड़ा एस्टेरॉयड गिरा था, जिससे 2,150 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का जंगल तबाह हो गया था. साल 2013 में रूस के चेल्याबिंस्क में 20 मीटर चौड़ा एस्टेरॉयड वायुमंडल में विस्फोट कर गया था. इससे 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए और 7,000 इमारतें तबाह हुईं. एस्टेरॉयड के खतरों से निपटने के लिए कई तरह के सिस्टम तैयार किए गए हैं. एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) ने चिली में मौजूद टेलीस्कोप से 27 दिसंबर को 2024 YR4 को पकड़ा था. ऑटोमैटिक सिस्टम ने जब इसे खतरे के रूप में पाया तो तुरंत अलर्ट भेज दिया.