Education News: हरियाणा सरकार का सरकारी विश्वविद्यालयों को लेकर बड़ा फैसला, अब अपने स्तर पर जुटाने होंगे खर्च चलाने के पैसे
चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आगे से सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को अपने बूते पर Budget व्यवस्था करनी होगी, क्योंकि हरियाणा सरकार जल्द ही विश्वविद्यालयों को दिए जाने वाले फंड में कटौती करने वाली है. सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कम से कम कटौती की मांग करने के आदेश दिए गए हैं. वहीं सभी विश्वविद्यालयों को होने वाले सभी Extra खर्चों को कम करने और राजस्व बढ़ाने पर जोर देना होगा.
विश्वविद्यालयों को स्वयं बढ़ाना होगा फंड
उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण के द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस संबंध में पत्र जारी किए गए हैं. पत्र में लिखा गया है कि कुलपतियों को खर्चे कम करके Funding पर जोर देना होगा. इसके अलावा उन्होंने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को आगामी 5 वर्षों तक का रोडमैप तैयार करने को कहा है. इस पत्र में लिखा गया है कि सरकार का मुख्य लक्ष्य सरकारी फंड पर निर्भरता घटाने और आत्मनिर्भर बनाने का है. राज्य विश्वविद्यालय फंड जुटाने के लिए Self- Finance पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं. विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हिदायत दी गई है कि वे सरकार से केवल जरूरत अनुसार ही फंड की मांग करें. विश्वविद्यालयोंं के प्रदर्शन के आधार पर ही फंड वितरित किया जाएगा.
उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधानो पर करना होगा Focus
इसके अलावा पत्र में लिखा गया है कि फंड को बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधानो पर ध्यान देना होगा. इसके लिए विश्वविद्यालय परियोजनाओं के आधार पर Research कंपनियों के साथ सहयोग कर सकते हैं. विश्वविद्यालयों के अनुसंधान और विकास कार्यों को अधिक मजबूत बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधानो पर Focus करना होगा. इससे न केवल फंड में बढ़ोतरी होगी बल्कि Research की गुणवता भी बढ़ेगी. इसके अलावा विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए Startup देना होगा. इसके अलावा इनक्यूबेटर और एक्सीरेटर स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए.
सभी विश्वविद्यालय बने आत्मनिर्भर- CM
प्रदेश में कुल 42 विश्वविद्यालय हैं जिसमे से 14 State विश्वविद्यालय हैं. इन सभी विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने और फंड जुटाने के लिए सफलतापूर्वक छात्रों, पब्लिक पार्टनरशिप योजनाएं, CSR, अनुसंधान अनुदान, और विश्वविद्यालय की अनुपयोगी भूमि के व्यवसायिक उपयोग सहित Online और दूरस्थ शिक्षा के जरिए फंड जुटाने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को खर्चों में कटौती करने और फंडिंग बढ़ाने पर जोर देने के लिए कहा गया है. इसके लिए विकास, अनुसंधान प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों के साथ साझेदारी करनी होगी.