हरियाणा में कल से महंगी होगी बिजली, 81 लाख उपभोक्ताओं को लगा 220 वाल्ट का करंट
चंडीगढ़ :- हरियाणा में कल से बिजली महंगी हो सकती है। इसकी वजह बिजली निगम को हुआ 4,520 करोड़ का घाटा है। इसकी भरपाई के लिए हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (HERC) ने नए वित्तीय वर्ष में बिजली की दरों में बढ़ोतरी की अनुमति मांगी है।सरकार के सोर्सेस के मुताबिक इसे मंजूरी मिल सकती है। बिजली विभाग के मंत्री अनिल विज हैं। अगर बिजली दरें बढ़ीं तो 3 साल बाद यह बढ़ोतरी होगी। इससे पहले सरकार फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को भी एक साल के लिए बढ़ा चुकी है। इससे दक्षिणी और उत्तरी हरियाणा बिजली निगम से जुड़े प्रदेश के करीब 81 लाख उपभोक्ताओं को झटका लगेगा।
2022 में प्रति यूनिट 25 पैसे बढ़े थे रेट
हरियाणा में बिजली की दरें एक अप्रैल से लागू होती हैं। 3 साल से बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। अंतिम बार वर्ष 2022-23 में 150 यूनिट तक के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए थे। वर्तमान में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 12.37% और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का में 9.15% लाइन लास है। HERC के चेयरमैन नंद लाल शर्मा आपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत (ACC) और औसत राजस्व वसूली (ARR) के बीच के अंतर को कम करने के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं। सूत्रों के अनुसार बिजली निगमों को जहां कार्यकुशलता में सुधार को कहा गया है, वहीं थोड़ी राहत देते हुए बिजली शुल्क टैरिफ में आंशिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी जा सकती है।
200 यूनिट से ज्यादा खपत पर 94.47 रुपए एफएसए
बीजेपी सरकार ने एफएसए को साल 2026 तक पहले ही बढ़ा दिया है। बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली बिल के हिसाब से 47 पैसे अतिरिक्त एफएसए देना होगा। 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत पर 94.47 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इस फैसले का कारण बिजली निगमों पर बढ़ रहे डिफाल्टिंग अमाउंट को बताया जा रहा है। हालांकि 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को एफएसए का भुगतान नहीं करना होगा।
2024 में मासिक शुल्क माफ कर चुकी सरकार
हरियाणा सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को 2024 में एक राहत भी दी थी। जून 2024 में सरकार ने मासिक शुल्क को माफ कर चुकी है। जिसके बाद से प्रदेश में जिन घरों में 2 किलोवाट तक के मीटर लगे हैं, उन्हें केवल खर्च की गई यूनिट का ही बिजली बिल भरना पड़ रहा है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब साढे 9 लाख बिजली उपभोक्ताओं को फायदा हुआ था। इससे पहले बिजली विभाग उपभोक्ताओं से प्रति किलोवाट 115 रुपए मासिक शुल्क के रूप में वसूलता था, खर्च की गई यूनिट के पैसों के साथ यह शुल्क जुड़ने से बिल भी बढ़ जाता था। हरियाणा सरकार ने मासिक शुल्क माफ करने की ये घोषणा बजट में की थी।