फरीदाबाद के डोसा छोले ने सबको बनाया दीवाना, 1961 से आज तक मिलता है वही स्वाद
फरीदाबाद :- फरीदाबाद में सुरेंद्र डोसा छोले की दुकान को आज कौन नहीं जानता हैं। इस दुकान पर हर टाइम बहुत ज्यादा भीड़ लगी रहती है। जानकारी के लिए बता दे यह दुकान की शुरुआत सुरेंद्र के द्वारा 1961 में की गई थी। वर्तमान में इस दुकान को सुरेंद्र का पुत्र संजीव संचालित कर रहा है। काफी सारे ऐसे ग्राहक है जो 1961 से आज तक लगातार डोसा छोले खाने आ रहे हैं। यह दुकान सुबह 9:30 बजे से रात को 9:30 बजे तक खोली जाती है।
ऐसे बनता है डोसा छोले
सबसे पहले ब्रेड के दो पीस लिए जाते हैं तथा उनके बीच में आलू भर दिया जाता है। फिर इन्हें सरसों के तेल में फ्री किया जाता है। इसके बाद एक दोने में तैयार ब्रेड डालकर इस पर छोले रखे जाते हैं। तथा इसके ऊपर हरी चटनी व प्याज को भी लगाया जाता है। यदि आप घर बैठे दो साथ बोले मंगवाना चाहते हैं तो होम डिलीवरी की भी सुविधा भी इस दुकान के द्वारा उपलब्ध है। आप स्विग्गी या जोमैटो से आर्डर कर सकते हैं।
12 तरह के मसालों का प्रयोग
वहीं दुकान के मालिक का संजीव ने बताया कि जब उनके पिताजी पाकिस्तान से आए थे तो उन्होंने इस दुकान को खोला था। आज तक लगातार उनकी तीन पीढ़िया इस दुकान को संभाल रही है। सबसे पहले उनके दादा फिर उनके पापा और अब संजीव खुद इस दुकान को संभाल रहा है। उन्होंने बताया कि डोसा छोले बनाने के लिए करीब 12 तरह के मसाले इसमें डाले जाते है।
10 पैसे से हुई थी शुरुआत
वही रोजाना 1000 ज्यादा प्लेट ग्राहकों द्वारा चट की जाती है। यह डोसा छोले इतना प्रसिद्ध है कि लोग दूर-दूर से इसे इसका स्वाद चखने के लिए आते हैं। वहीं आसपास के एरिया जैसे नोएडा, गुड़गांव से भी लोग इस दुकान पर पहुंचते हैं। जब इस दुकान की शुरुआत की गई थी तो उसे समय एक प्लेट का रेट 10 पैसे रखा गया था। अब इस प्लेट का रेट ₹35 है। उन्होंने बताया कि दुकान में डोसा छोले का जो स्वाद 1961 में था आज भी वही स्वाद बरकरार है।