किसान भाई फटाफट करें ये काम, ट्रैक्टर में प्रयोग होगा आधा डीजल
ट्रैक्टर खेती किसानी में एक अहम कृषि यंत्र माना जाता है. ऐसे में कुछ ऐसा टिप्स हैं, जिनको अपनाकर किसान ट्रैक्टर के डीजल का खर्च कम कर सकते हैं. साथ ही ट्रैक्टर का सही रख रखाव भी कर सकते हैं.सर्दियों में ट्रैक्टर के साइलेंसर की जांच करना बेहद आवश्यक है. क्योंकि साइलेंसर में यदि ज्यादा धुआं आ रहा है, तब भी डीजल का खर्चा ज्यादा आएगा. ऐसे में हमें समय समय पर साइलेंसर की जांच करना बेहद जरूरी है.
ट्रैक्टर में हम अक्सर पैसे बचाने के चक्कर में खराब इंजन ऑयल का इस्तेमाल कर देते हैं, ऐसे में वह मोबिल हमारे इंजन में जाकर उसे नुकसान पहुंचाता है और इस कारण से भी ट्रैक्टर के बाकी हिस्सों को नुकसान होता है. इसलिए हमें अच्छी कंपनी के मोबिल का प्रयोग करना चाहिए.अगर इंजन चालू करने पर शोर करता है, तो इस स्थिति में इंजन में हवा कम जा रही होती है. इसक वजह से डीजल की खपत बढ़ जाती है. अगर इस प्रकार की कोई स्थिति बनती है, तो इंजन को एक बार फिर से शुरू करना चाहिए. बता दें कि हर कंपनी ट्रैक्टर और इंजन दोनों के लिए दिशा-निर्देश की पुस्तिका उपलब्ध कराती है.
अगर इंजन से काला धुआं निकलता है, तो इसका मतलब साफ है कि डीजल अघिक खर्च हो रहा है. यह समस्या इंजेक्टर या इन्जेक्सन पम्प में किसी प्रकार की खराबी के कारण हो सकती है. इसके लिए ट्रैक्टरों में हर 2 महीने पर इंजेक्टर की जांच करना चाहिए. अगर फिर भी काला धुआं लगातार निकल रहा है, तो यह इंजन पर अतिरिक्त बोझ की निशानी होती है. ऐसे में ट्रैक्टरों पर उतना ही बोझ रखें, जितना इंजन काला धुआं न दे पाए. इससे डीजल की भी बचत हो पाएगी.